कल जो मैंने कह दिया वो तो मैं राहुल पर व्यंग्य वान प्रहार कर रहा था। कि यार जरा FDI पर स्कूलिंग करो। मैं तो बहुत बड़ा फैन हुँ मोदी के भ्रमण का। दो बड़े बड़े काम हुवे हैं।
- चीन को भी अमेरिका को भी मात करना। ये तो बहुत बड़ी बात हो गयी। नहीं?
- भारत को दुनिया के नक्से पर स्थापित किया। भारत सिर्फ भारत में नहीं है। भारत तो सरे विश्व में है। मोदी पर प्रवासी भारतीयों का भी तो हक़ बनता है। चीन ने पिछले २५ साल में जो किया है वो प्रवासी चिनिया समुदाय के बगैर कर ही नहीं सकते थे।
I was totally joking. भाषा ही देखो मजाक का है।
मोदी को दो चीज करने चाहिए।
- अपने रोडमैप पर चलो। विपक्ष ने कहा विदेश भ्रमण ज्यादा हो गया तो उसके आधार पर कटौती मत करो।
- बल्कि explain भी करते जाओ। जब आवाज आती है भ्रमण बहुत हुवा तो जवाब दो कि भ्रमण क्यों हो रहा है।
वैसे भी मेरे को लगता है अब आगे के साल विदेश भ्रमण का सिलसिला वैसे भी naturally ही पहले साल से कम पड़ जायेगा। लेकिन dramatically कम हो गया तो खटकेगा। कि क्या हुवा? कहीं भारत FDI के लिए less welcoming तो नहीं हो गया?
मोदी जब किसी देश का भ्रमण करते हैं और वहाँ मीडिया कवरेज मिलती है अगर उतना स्पेस बतौर विज्ञापन खरीदना पड़े तो क्या हिसाब पड़ेगा? मेरे को लगता है वो मीडिया कवरेज --- that itself pays for the expenses associated with the visit.
वैसे भी सरकार चलाने में किसी किस्म की कमी हुई हो वैसा तो मेरे को नहीं लगता। कि मोदी विदेश में है सरकार कौन चलाएगा। मंत्री मंडल है। सरकारी यंत्र है। राज्य राज्य में मुख्य मंत्री।
Modi should follow his instincts and stick to his plan.