नीतिश, लालु, माझी, पप्पु, काँग्रेस, वाम पार्टी सब एक जगह रहते तो ये रेस ५०-५० था। लेकिन ये लोग तो बुरी तरह बिखर गए हैं। Right now Sushil Modi has a clear advantage. And he is a good man. Modest, hard working, lightning smart. इनकी बीवी ही क्रिस्चियन -- तो इन पर वो इल्जाम नहीं लगा सकते जो कभी कभी RSS टाइप वालों पर लगाया जाता है। सबका साथ तो इनके घर से ही शुरू होता है। और क्या है कि राजनीति में अधिकांश backbenchers पहुँच जाते हैं। लेकिन सुशील मोदी तो university topper थे। नीतिश ने जो अद्भुत काम किया २००५ से २०१२ तक तो वहां सुशील सेकंड इन कमांड थे, और road और health तो इनके ही कैंप के लोग सम्हाल रहे थे। अब शायद बिहार में सुशील मोदी की बारी है।
नीतिश अलग से लड़ेंगे, लालु अलग से लड़ेंगे, माझी अलग, पप्पु अलग ---- तो सुशील मोदी तो स्वीप करेंगे। वैसा दिख रहा है। दिल्ली में नमो, पटना में सुमो। मैं तो यही चाहुँगा सुशीलजी बिहार को १५% ग्रोथ रेट दें। संभव है।