भारत में मुसलमानो को पाँचवा कास्ट बना के रखा गया है। बहुत गलत बात है। मुसलमानों का अपना एक अलग धर्म है। जातपात मानना ही है तो आप उसको अपने धर्म तक सीमित रखो। दुसरों पर लाद तो नहीं सकते।
दलित को चौथा कास्ट। मुसलमानो को पाँचवा कास्ट। दलितों और मुसलमानो के प्रति व्यक्ति आय में वही दिखता है।
दलित को चौथा कास्ट और मुसलमानो को पाँचवा कास्ट बना के रखे रहो तब तक भारत विश्व शक्ति बन ही नहीं सकता, संभव ही नहीं। कास्ट सिस्टम ख़त्म करो, गरीबी ख़त्म करो, तो विश्व शक्ति बन जाओगे। कास्ट सिस्टम भगवान का नहीं इंसान का बनाया है। इंसान ख़त्म भी कर सकता है।
मानव अधिकार तो भारत के संविधान में सुरक्षित है। कोई भी व्यक्ति या संगठन या फिर खुद सरकार ही मानव अधिकार का हनन करे तो भारतका कोई भी नागरिक पुलिस और कचहरी कहीं भी जा के नालिस कर सकता है। एक नागरिक काफी है। अगर कोई एक भी आदमी आगे नहीं आता तो ये तो संविधान की कमजोरी नहीं। अपनी रीढ़ की हड्डी जरा मजबुत करो। Legal Defense Fund खड़े करो। कानुनी लड़ाई लड़ो।
जन धन का सुरक्षा एक आधुनिक राज्य (state) का प्रथम दायित्व होता है। लोकतंत्र में gender violence, caste violence, religious violence के लिए कोई जगह नहीं। दंगे नहीं होने चाहिए। जिस तरह cyclone के लिए Early Warming System होती है, उसी तरह दंगो को बिलकुल नाकाम किया जा सकता है। ये एक law and order problem है। अगर कहीं दंगा होता है तो हुवा कि पुलिस अपना काम नहीं कर रही।
हैदराबाद के जो ओवैसी दो भाईजान हैं उन्हें मैं कइ महिनों से बड़े गौर से देख रहा हुँ। मजलिस का नाम सिर्फ वही एक शब्द नहीं हो सकता क्या? पुरा नाम तो एक ब्रांडिंग प्रॉब्लम है।
दुसरा बात है अकबर ओवैसी साहब को कहुंगा, आप इतने अच्छे बोल लेते हो। लेकिन एक जगह मैंने यूट्यूब पर सुना आप ने कहा, १५ मिनट पुलिस रस्ते से हट जाओ सिर्फ और तब देखो। तो वो तो वाक स्वतंत्रता नहीं हुई। लोकतंत्र में हिंसा भी allow नहीं है और हिंसा के लिए आह्वान करो मंच पर से, वो भी allow नहीं है। लोकतंत्र ही तो ताकत है आप की। लोकतंत्र को मानो। बल्कि मंच पर से बोलो, कानुन अपने हाथ में मत लो, सशक्त होना है तो संगठित हो जाओ।
मजलिस की लोकतान्त्रिक संभावना विश्व राजनीति तक है। लोकतंत्र का सन्देश दुनिया के सभी मुसलमानों तक पहुँचाना है। वो काम मजलिस कर सकती है। लेकिन उसके लिए लोकतंत्र को मानना होगा।
गुजरात, उससे पहले भागलपुर, और तो और खुद पार्टीशन के समय ---- बहुत हताहत हुवे। अपने कौम का दर्द महसुस होना एक अच्छे नेता का खुबी है। लेकिन उस दर्द को शक्ति में बदलने के राह पर चलो। और रास्ता है लोकतंत्र का। अहिंसा का।
संगठित हो जाओ। सशक्त हो जाओगे। शिक्षित हो जाओ। समृद्ध हो जाओगे। बस। अल्लाह का ये जो क्रिएशन है उसको appreciate करो। Appreciate करने का रास्ता है math and science.
मजलिस का और तो और खुद हैदराबाद में मेयर नहीं। खुद अपने राज्य में मुख्य मंत्री नहीं। कमसेकम हैदराबाद में मेयर अपनी पार्टी के बना के दिखाओ। भारत भर के मुसलमान पहले ये देखना चाहते हैं कि आपकी पार्टी govern कर सकती है कि नहीं। एक दो बड़े शहरों में सरकार चला के तो दिखाओ।
मुसलमान समुदाय से राजनीति शुरू की अच्छी बात है, लेकिन एक बड़ा शहर चलाने के लिए सभी समुदाय को अपील करना होता है। तो करो। कुछ आएंगे, कुछ नहीं। उनकी मर्जी।
आमिर खान बोलें --- ये गर्व की बात है, हिम्मत की बात है। बोलना चाहिए। ताकि पब्लिक विचार विमर्श हो इस मुद्दे पर। आमिर खान लोगों के दिल में रहते हैं। हिन्दु मुस्लिम फर्क नहीं पड़ता। और उनका करियर दिलचस्प रहा है। मेनस्ट्रीम सुपरस्टार रह के उन्होंने बहुत सारे experimental roles ही नहीं किए हैं, फोर्मुला सिनेमा से अलग जा के भी बॉक्स ऑफिस सफलता दिखा दिया है। जैसे कि PK, फोर्मुला फिल्म नहीं है लेकिन सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए। तो, he is not just a movie star, which he is, there is ample proof, लेकिन उनका अपना एक जगह है भारतीय पहचान में। He is an element of the Indian identity, and I am so glad that is the case. वो critically सोचते हैं और अपने दिलकी बोलते हैं। ये एक ऐसा quality है जिसकी भारत के शिक्षा के क्षेत्र को बहुत जरूरत है। टॉपिक कुछ भी हो।
रह गयी अभी वाली मुद्दा की बात।
भारत इतना बड़ा देश है। जितना और देशों में मेजोरिटी नहीं होता है उससे बड़ा भारत में माइनॉरिटी है। मैं जब भारत के मुसलमानों के बारे में सोचता हुँ तो मेरा ध्यान जाता है socio-economic indicators पे, मेरा ध्यान जाता है per capita income पे। कि democracy has to be seen to be working for India's muslims.
प्रत्येक भारतीय का धर्म हिन्दु धर्म नहीं है, लेकिन प्रत्येक भारतीय का धर्म लोकतंत्र है। और मानव अधिकार उस लोकतंत्र धर्म की नींव है। मानव अधिकार नहीं तो लोकतंत्र नहीं। सीधी सी बात है। धार्मिक स्वतंत्रता एक मानव अधिकार है। किसी भी व्यक्ति को हक़ है कि वोअपने इच्छा के धर्म को मानें। कोइ हिन्दु परिवार में जन्म ले के ईसाइ या बुद्धिस्ट या मुसलमान बन सकता है। ये उसका मानव अधिकार है। और वो संविधान प्रदत अधिकार है। देशकी जो मुल कानुन है उसके द्वारा सुरक्षित है वो अधिकार।
लेकिन उतने से काम नहीं चलता। १२ साल हाई स्कूल कंपल्सरी होना चाहिए देश भरमें और एक विषय होना चाहिए सामाजिक शिक्षा जिसमें मानव अधिकार, लोकतंत्र, नागरिक कर्तव्य, बिभिन्न्न धर्मों के बारे में, सांस्कृतिक विविधता के बारे में पढाई हो। प्रमुख धर्मों के बारे में पढाई होनी चाहिए ताकि प्रत्येक नागरिक शिक्षित हो प्रत्येक नागरिक को सभी प्रमुख धर्मों के बारे में ज्ञान हो।
हिंसा अपराध है। चाहे वो धर्म को नाम पे हो या और कोई बहाने पर हो। तो hate crime के विरुद्ध सख्त कानुन होने चाहिए और उनको लागु किया जाना चाहिए। दंगा के विरुद्ध सख्त मैकेनिज्म होने चाहिए। दंगा एक लॉ एंड आर्डर प्रॉब्लम है। सोल्व किया जा सकता है।
हिंसा के अलाबे discrimination. रिपोर्ट आते रहते हैं कि मुस्लमान को घर किराए पर नहीं दिया। वो व्यवहार गैर कानुनी नहीं है तो होना चाहिए। प्राइवेट सेक्टर में नौकरी के तलाश में जाते हैं तो मुसलमान होने के नाते discrimination नहीं होने चाहिए।
लेकिन सब से मुख्य मुद्दा है education, health, job creation, entrepreneurship. मुसलमान बस्तियों में ये सब पहुँचाना है। मुसलमान जम के पढाई लिखाई करे और खुदका बिजनेस शुरू करे। लोगों को नौकरी दे।
और एक होता है public space का poisoning ----- कुछ लोग पब्लिक फिगर होते हुवे भी बहुत गलत बोल देते हैं। इस समुदाय के विरुद्ध तो कभी उस समुदाय के विरुद्ध। तो उसका काउंटर होना बहुत जरुरी है।
Hindu pride is a great idea, but Hindu supremacist thinking is not okay. आप गर्व करो। लेकिन पिछले साल जो लव जिहाद और घर वापसी के मुद्दे उछाले गए, बहुत गलत बात है। प्यार, मुहबत, शादी तो किसी की प्राइवेट बात है। कभी हिन्दु और मुसलमान एक जगह आ जाते हैं, जैसे की आमिर और शाहरुख़। करीना कपुर। तो ये सुन्दर बात है। उसमें आपको लव जिहाद कैसे दिखाई दिया?
घर वापसी का मुद्दा भी उल्टापुल्टा है। भारत के भुमि पर जितने हैं सबको हिन्दु होना चाहिए ---- ये कितना अव्यवहारिक बात है! भुमि और मानव को उस तरह mixup मत करो। धार्मिक स्वतंत्रता तो मानव अधिकार है। किसी व्यक्ति की ख़ुशी की वो किस धर्म को अपनावे। Religious harassment should be illegal -----
बीफ। हिन्दु है कोइ बीफ नहीं खाता है -- तो that is respectable --- लेकिन ये कहने लगे कि खुद भी नहीं खाउंगा तुझे भी खाने नहीं दुंगा --- वो तो मोदीजी रिश्वत के बारे में वैसा बोलते हैं। कि खुद भी नहीं खाउंगा तुझे भी खाने नहीं दुंगा। बीफ और रिश्वत में कुछ तो फर्क होना चाहिए। आप अपना धर्म दुसरो पर कैसे थोपर सकते हो? Religious harassment should be illegal -----
मुसलमान बीफ नहीं खायेगा तो क्या खायेगा? खरगोश?
बल्कि हिन्दु धर्म प्रचार करने जाओ। जाओ दुनिया घुमो। जूलिया रॉबर्ट्स ने कन्वर्ट किया वो हिन्दु बन गयी। उन्हें अच्छा लगा। तो वैसे लोग ढूंढो। लेकिन कोइ आएगा तो स्वेच्छा से आएगा। किसी का मानव अधिकार हनन करने स्टाइल में आप धर्म प्रचार नहीं कर सकते।
India's diversity is India's strength. अभी तो भारत चीन से भी पिछे है। But if someday India is to beat America, it will be because India started celebrating free speech better than America, India started celebrating diversity better than America.
तो जो लोग भारत के भितर धार्मिक असहिष्णुता का जहर फैलाते हैं, वो भारत को विश्व शक्ति बनने के रास्ते पर नहीं ले जाना चाहते। जो थोड़ा बहुत शक्ति है भारत के पास वो भी चाहते हैं गायब हो जाए।
Democracy और Diversity में गहरा विश्वास रखने वाले लोगों को बोलते रहना चाहिए और संगठित होना चाहिए। वो देशप्रेम का सच्चा रूप है जो कि आमिर दिखा रहे हैं। मैं तो वैसे भी बड़ा फैन था, अब और बड़ा फैन हो गया।
Local Social activist Md. Arif Advocate said that it was questionable that the Aamir who had produced a patriotic movie like Lagaan, could have made such a statement. In fact, he said, Aamir was just voicing the thoughts of his wife who is a Hindu. ....... Imamuddin, a senior citizen aged 96 years, said that during the Friday Namaz, it was prayed that Aamir regains his senses and the country remains at peace.
Mr Khan's remarks expressing his "alarm and despondency" over the rise in recent incidents of intolerance hotly debated, he had again yesterday asserted that he stood by his comments and made it clear that neither he nor his wife Kiran Rao had any intention of leaving the country.
Veteran Bollywood actor Naseeruddin Shah has expressed concern over Aamir Khan’s intolerance remark saying that it may cause further problems for the Muslims of India. ..... “I don’t think he [Aamir] should have said this. Regardless of what he feels, we Muslims do not need any further aggravation of our feeling of persecution,” said Shah. ..... Earlier, Oscar-winning music composer AR Rahman expressed solidarity with Aamir Khan over growing intolerance in India and admitted that he too faced a situation similar to that of the actor recently. ......
The music maestro spoke in relation to the fatwa issued against him by Mumbai-based Muslim academy for composing music for an Iranian film. Subsequently, his scheduled concerts in Delhi and Uttar Pradesh were cancelled.
..... The fatwa also prompted Hindu extremists to bring up the issue of religious conversions. They invited the composer to “re-convert to Hinduism” and said it was time for Rahman’s “ghar wapsi“. ..... “Aamir Khan should either indulge in ‘ghar wapsi’ which will help him getting free of ‘crimes of love jihad’ of his previous as well as his present wife Kiran Rao or go to Pakistan for the benefit of India,” Hindu Mahasabha’s national general secretary Munna Kumar Sharma said. ...... “A case of treason should be filed against Khan for insulting India and traitors like Aamir Khan and Shah Rukh Khan should leave India,” he added.
“We won’t let Aamir leave the country, he is safe. This kind of comment influenced by a politically motivated campaign insults those who have given so much honour to Aamir in India,” said Mukhtar Abbas Naqvi, the Minister of State for Minority Affairs. ....... reacting to Aamir’s statement, Kiren Rijiju, the junior home minister claimed that the number of deaths in communal incidents had come down since BJP came to power last year and “to make a blatant statement is not proper.” ..... Incidences of communal violence have been growing in India, with a mob killing a Muslim man over beef-eating rumours in September. Prime Minister Narendra Modi, facing questions during his recent trip to Britain, said,
“India is committed to protecting every citizen’s freedom, and the law will deal severely with those who are intolerant.”
......... Speaking at Ramnath Goenka Excellence in Journalism Awards, Aamir had said, “I have been alarmed. I can’t deny. I have been alarmed by a number of incidents.”
BJP shud stop silencing voices thro abuses n threats. Its high time centrl govt took concrete steps 2 instil sense of security amngst people
Hindu Sena, the group that booked a one-way ticket for Khan, his wife Kiran Rao and their son, was in news last month after they led a Delhi police patrolling team into Kerala House claiming that a restaurant there was serving cow meat. Vishnu Gupta, the head of the group, was arrested and later released on bail.
A dispute with her husband over remarks by Bollywood actor Aamir Khan saw a woman here committing suicide by consuming poison, her family members claimed. Police said they are investigating the alleged suicide by one Sonam Pandey and the claims by her family members that she took the extreme step as she was distressed by her husband's comments mocking Khan. ...... "Sonam Pandey and her husband Mayank were talking about newspaper reports about Khan's statement yesterday morning. My son poked fun at Sonam, saying what kind of man is the Bollywood star, who wants to settle abroad on the advice of his wife," said Mayank's father, RP Pandey. Angered by her husband's criticism of Khan, Sonam ran upstairs and locked herself inside a room, he added.
“They have criticised actors like Shah Rukh Khan and Aamir Khan and musician A R Rahman. Who are they to decide what we will say or what we will eat?,” the CM said.
The ruling BJP said he should not forget that India made him a star, and it was wrong to malign the country. ...... "Anyone implying the opposite has either not seen my interview or is deliberately trying to distort what I have said. India is my country, I love it, I feel fortunate for being born here, and this is where I am staying," the actor wrote. ...... Khan said he stood by his earlier statement, and added that all those people who had called him "anti-national" and shouted "obscenities at me for speaking my heart out, it saddens me to say you are only proving my point". ...... BJP spokesperson Shahnawaz Hussain had criticised Khan's remarks and said there was a "political conspiracy to defame India" and there was "no better neighbour than a Hindu for a Muslim". ..... Another BJP spokesperson, Sambit Patra, said that "Aamir Khan is the face of 'Incredible India' [a TV campaign by Mr Khan to promote tourism], how can he make such a remark? I request Aamir Khan not to leave India and he won't find another nation like it". ..... Earlier this month, fellow superstar Shah Rukh Khan also spoke out against what he called "extreme intolerance" in India. .....A movement that began with writers returning state awards spread to scientists, historians and filmmakers. ......
They cited the killing of rationalists MM Kalburgi and Govind Pansare, as well as the lynching of a man over suspicions he consumed beef, as examples of rising intolerance in the country.
Given the nature of minority politics in India, where such issues are drummed up by "secular" parties to ensure that the minorities continue to vote on the basis of fear rather than pursuing their real economic and political interests ..... What Khan's statement reveals is his decision to fall in line with the dominant narrative being tom-tommed by the mainstream English media that has been left out in the cold by Narendra Modi. Incidentally, an interesting aspect of the rising English media chorus of "growing intolerance" is that it is not supported by any kind of data or a benchmark from which this "rise" can be calculated. Barring a cacophony of statements by Sanghis, there is no evidence whatsoever that there is any actual rise in intolerance. ........... Aamir's calculated statement can at best be put down as another voice added to this self-indulgent and self-righteous echo chamber in the English language media. ...... First, I doubt if anybody in India thinks we have nothing to fear, given the state of our policing, our weak legal systems, and the space we have given to criminals and vested interests in cities and villages. I too would fear for the safety of my daughters in India, especially given the patriarchal nature of our society and its inability to bring up its sons to respect women.
We have strong laws and a weak state, making it near impossible to assume that we will be protected from rabid elements.
......... Many Indians have left Indian shores for better prospects, and it is this diaspora that believes in Modi and his idea of India by and large. From businessmen to ordinary students to techies, Indians have always sought to improve their material condition by taking advantage of merit-based systems in the West. The poor, on the other hand, went to West Asia to earn more while living like second-class citizens, whether in Saudi Arabia or even parts of the UAE. After decades, they are still not given citizenship. ......
In the sub-continent, Hindus and Muslims from Bangladesh, Nepal, Myanmar, and now even Pakistan have, legally or illegally, moved into India as economic or political refugees. The Nepalese have been welcomed like they were our own citizens, and despite some hesitation to accept Muslim economic refugees from Bangladesh, they are here and voting their own leaders in Assam, West Bengal and Bihar.
...... If there is a beacon of tolerance in the sub-continent, it is India. The only areas of long-term intolerance (as opposed to short-term intolerance caused by riots) are in Kashmir, where an entire generation of Pandits has been driven out in the worst act of ethnic cleansing ever practised after 1947. ..... The fringe will be the fringe, and there is no point assuming that in a country of 125 crore, no one will ever make politically-incorrect statements. ...... Two years ago, a white supremacist shot people in a gurdwara in Wisconsin. Over the last two years, we have seen race riots after the shooting of African-Americans in Ferguson and Baltimore by trigger-happy cops.
When his name is Khan, can Aamir really expect to be treated as an equal in America?
....... The far right is rising under Marine Le Pen. The face veil is banned in France, not in India. ...... For a country with 125 crore people and all their multiple diversities, insecurities and concerns involving caste, religion, and ethnicity, we are a mighty tolerant lot. ........ This does not also mean that the Sangh hotheads should continue to vitiate the atmosphere. Modi would do well to put a tape across their mouths or even chuck them out of his ministry. But that still will be no guarantee that someone will not make an intolerant statement somewhere...... Surely, Aamir Khan does not want a state where everyone is gagged. That would be even more intolerant than the intolerance he would like to complain about.
The actor ended his statement by quoting Rabindranath Tagore's famous poem, "Where the mind is without fear and the head is held high, Where knowledge is free, Where the world has not been broken up into fragments, by narrow domestic walls, Where words come out from the depth of truth, ..... "Where tireless striving stretches its arms towards perfection, Where the clear stream of reason has not lost its way, Into the dreary desert sand of dead habit, Where the mind is led forward by thee, Into ever-widening thought and action, Into that heaven of freedom, my father, let my country awake."
Without naming Khan, Rajnath Singh told the parliament that despite insults, iconic Dalit leader "BR Ambedkar never said he would leave India". ..... "Dr BR Ambedkar had to put up with insults and derision. Yet, he controlled his emotion and put forward an objective point of view for India. He never said how he was being ignored and insulted in India," Mr Singh said in his remarks in the Lok Sabha, the lower house of the parliament...... "He said I will stay in India and keeping the Indian values and culture in mind, I will strengthen the country," Mr Singh added. ..... Despite his clarification, the controversy refuses to die down and the home minister's comments are seen as the latest salvo fired at him by BJP politicians. ..... However, the session is likely to be a stormy one, with opposition parties demanding a debate on "growing intolerance" in the country. ..... BJP leader Venkaiah Naidu said the government was "willing to discuss all issues, including the so-called issue of rising intolerance even though the incidents that happened were in the domain of states… We do not support or condone such incidents".
BJP national spokesman Shahnawaz Hussain advised Khan to visit his ancestral village Akhtiyaarpur in Hardoi district in Uttar Pradesh and see for himself with how much love and harmony people live there. ...... Hussain said that Aamir left the village at an early age and joined Bollywood, but people there still believe in 'Ganga-Jamuni tehzeeb', a term used to describe mutually participatory co-existence of Hindu and Muslim culture. He was talking to reporters in Lucknow.
Senior Shiv Sena leader and the state Environment Minister Ramdas Kadam on Tuesday said Khan "can go to Pakistan" if he didn't love India. "The police should also conduct an inquiry whether Aamir's statement is anti-national," he said.
the director said, “Aamir Khan didn’t call for a press conference. He was at an award function where he was asked questions on various topics and one of the topics was this which he answered and his answer was I was distressed and sad that my wife once said this to me. To me it is an innocent answer. He spoke about what was said inside his home affairs in public and one should have ignored it. But the way people jumped and attacked him, intolerance was visible.” ..... For Raju, the most distressing factor was linking Aamir’s statements to his Muslim identity. Said Raju, “His statements were then linked to him being a Muslim. Such a thought never crossed my mind.
I have celebrated every Diwali at Aamir’s place.
The way these talks are spreading through social media, some divide is visible. We should pick positive things in life and talk about it.”
नीतिश जिते। वही हुवा। नीतिश को बिहार ने १० साल के लिए मैंडेट दिया है होलसेल में।
नीतीश का मुकाबला खुद अपने आप से है। वो बिहार को २०% ग्रोथ रेट दे सकते हैं या नहीं। मुकाबला वो है।
२०१९ में मोदी बिहार फिर से स्वीप करेंगे। ४० सीट है बिहार से। २०-२० कर के नीतिश और लालु लड़ते हैं और नीतिश १००% स्कोर करते हैं, तो हुवा २० सीट। २० MP ले के कोइ प्राइम मिनिस्टर बनता है? ये नेपाल है?
वैसे भी बिहार अगर देश होता तो दुनिया का १२ हवा बड़ा देश होता। फ्रांस और जर्मनी का प्रेसिडेन्ट या चांसलर से तो नीतिश आगे हुवे। बिहार के सामने पाकिस्तान क्या है? कुछ नहीं। पाकिस्तान में न तो इकनोमिक ग्रोथ रेट है न कुछ।
लालु का कभी कभी भाषण सुनो तो लगता है कह रहे हैं, मुसलमान भाइयों, मेरे को वोट दो, सुरक्षित रहो, बीजेपी को वोट दो तो मारे जाओगे। ये कैसी बात हुइ?
नेपाल में एक पॉलिटिशियन हुवा करता था। नाम था मिर्जा दिल साद वेग। वो मंच पर चढ़ जाता था। कहता था लोगों को: "वोट दो नहीं तो बस्ती जला देंगे!" (बॉलीवुड इन्फ्लुएंस रहा होगा)
लोग सोंचते थे, सड़क पिचिंग नहीं हुई तो कोइ बात नहीं, स्कुलमें मास्टर न आए कोइ बात नहीं, गाओं में बिजली पानी नपहुँचे तो क्या हुवा अभी तक उसके बगैर काम चला लिए तो आगे भी चला लेंगे। लेकिन बस्ती जल गयी तो दिक्कत है। तो मिर्जा ने कभी इलेक्शन हारा ही नहीं। पार्टी बदला एक दो बार फिर भी नहीं हारा।
एक बार मेरे को मिल गया। मैं अपने एक मन पसंद नेता के ऑफिस में बैठा हुवा था अकेले। कहाँ से न कहाँ से आ पहुँचे मिर्जा। मैंने हाई हेलो कह दिया। वैसे कहाँ मैं सीता नगरी से और वो बुद्ध नगरी से। फिर भी सोंचा हाई हेलो बोल दो पाँच सेकंड में और अपनी बस्ती बचा लो। बचा लिया।
इसु होना चाहिए कि देश में कानुन है कि नहीं। और जो कानुन है वो अप्लाई हो रहा है कि नहीं? जैसे कि दादरी। हत्या का घटना है। एक तो मर्डर है। जो कि अपराध है। और उपर से hate crime भी है। दोनों गैर कानुनी होना चाहिए। नहीं है तो वैसा कानुन बनाओ। और उसको अप्लाई करना तो पुलिस का काम है। मुख मंत्री या प्रधान मंत्री का नहीं। हालाँकि हाई प्रोफाइल केस है। देश की राजनीति हिल गई। हिलना जरुरी भी है। मुसलमान बीफ नहीं खायेगा तो क्या खायेगा? खरगोश? आप अपना धर्म औरो पर थोपने का काम मत करो, प्रयास ही मत करो। ये मानव अधिकार का मामिला है। Freedom of Religion.
अपने धर्म के प्रति गर्व करो। लेकिन और किसी के धर्म के बारे में गलत बोल्ने की क्या जरुरत है?
दूसरा मैंने न्यूज़ में पढ़ा चेहरे पर कालिख पोता गया। तो मैंने मन में कहा मोदी उस पर कमेंट करते हैं तो प्रमाणित होगा वो अपना काम नहीं कर रहे हैं। इतना बड़ा देश चलाना है, और आप चेहरे पर कालिख पोते जाने के घटना पर कमेंट करते हो, आप के पास उतना समय है तो अपने पद से राजीनामा दो और दिन भर बैठ के, हात पर हात रख के क्रिकेट कमेंट्री करो।
मेरे कहने का मतलब भारत का प्रधान मंत्री अगर अपना काम कर रहा है तो उसके पास उतना समय होना ही नहीं चाहिए की वो प्रत्येक घटना पर कमेंट मारता रहे। चेहरे पर कालिख गलत बात है। लेकिन प्राइम मिनिस्टर को malnutrition के मुद्दे पर समय बिताना चाहिए।
दल से बड़ा देश मोदीजी। तो दिजिए बिहार को दिल खोल के मदत।
Indian actor Shah Rukh Khan, arrival for press conference of "Om Shanti Om" at the Hyatt Hotel, Potsdamer Platz, Berlin (Photo credit: Wikipedia)
English: Indian actor Shahrukh Khan, arrival for press conference of "Om Shanti Om" at the Hyatt Hotel, Potsdamer Platz, Berlin (Photo credit: Wikipedia)
में प्राइड की बात मानता हुँ। गर्व करना चाहिए। लेकिन गर्व vacuum में नहीं होता है। उसके लिए बनाना पड़ता है। एक वर्ल्ड क्लास अर्थतंत्र का निर्माण तो करो पहले। भारत को विश्व शक्ति बनना चाहिए, वो बात और तो और अमरिका भी कहती है ----- क्योंकि उसको अकेले दुनिया भर दौड़ना परता है। भारत विश्व शक्ति बन जाए तो थोड़ा मदत हो जाए, भारत भी इधर उधर दौड़ने लगे।
भारत विश्व शक्ति बनने का तरिका है (१) अर्थतंत्र मजबुत करो (२) लोकतंत्र मजबुत करो। Hindu unity का तरिका है caste system ख़त्म करो। आप भारत के अर्थतंत्र कमजोर करने का काम करो, लोकतंत्र को कमजोर करने का काम करो, Hindu unity पर अटैक करो ---- तो चाहे आप मुँह से जो कहो लेकिन आपका व्यवहार कह रहा है आप भारत को विश्व शक्ति नहीं बनने देना चाहते।
कोइ किससे शादी करेगा -- ये तो उनका प्राइवेट मामला है। शाहरुख़ और गौरी की शादी दुनिया में एक मिशाल है। दुनिया भर में लोग कहते हैं, देखो भारत में हिन्दु और मुस्लिम एक ही घर में। उससे समाज और देश मजबुत होता है। Shahrukh Khan (Bad Shah --- यानि कि नटखट शाह --- badass जो कहते हैं अंग्रेजी में, हिंदी में शायद बिंदास कहते हैं) is a brand ambassador of India.
लव वापसी, घर जिहाद और पहले आप पहले आप। शाहरुख़ ने १०० फिल्में बनाई -- आप ने क्या बनाई?
सब न्युज मैं पढ़ नहीं पाता हुँ --- स्वाभाविक है। जैसे कि beef के बारे में मैंने नहीं पढ़ी है, एक दो हेडलाइंस पढ़ी है। Beef हिन्दु नहीं खाते --- वो समझने की बात है। लेकिन beef तो रिश्वत नहीं की आप कहो खुद भी नहीं खाउंगा और तुझे भी खाने नहीं दुँगा। Freedom of religion is like free speech --- उसके बगैर लोकतंत्र का कल्पना नहीं किया जा सकता। मेरे राज्य में, मेरे देश में beef मत खाओ कहना धार्मिक नहीं संकीर्ण विचारधारा है। वो तो ऐसा हुवा कि आप किसी मुसलमान को कह रहे हो, कुरान मत पढ़ो। इसाई को कह रहे हो, बाइबल मत पढ़ो। वो आप कहने वाले कौन होते हैं?A democracy is, by definition, tolerant. भारतका शक्ति ही भारत का लोकतंत्र है।
कोइ धर्म परिवर्तन करें वो उनकी इच्छा। कोइ मोदीकी आलोचना करें --- उनकी इच्छा --- it is covered by free speech.
जैसे कि दीपिका ने कहा, फैक्ट्री के दुध में मलाइ नहीं होती। बगैर Opposition के लोकतंत्र नहीं होती। Democracy को vibrant Opposition की जरुरत होती है।
आम आदमी पार्टी के लोग जब से आपस में झगड़ रहे हैं तब से मैंने उनके बारेमें कोइ समाचार नहीं पढ़ी ---- लेकिन headlines तो unavoidable है। अगर AAP पर BJP वाले unfair procedural attacks कर रहे हैं तो वो लोकतंत्र के हित में नहीं। और उससे उनको बिहार जैसे जगहों में बेफायदा होगा। क्योंकि लोकतंत्र भारत के लोग समझते हैं।
एक दो रोज पहले एक दो headlines और सामने आए। मीडिया वालों को क्या है कि controversy पैदा करनी होती है --- रोजी रोटी का सवाल है, पेपर बेचना होता है। मैंने देखा सुषमा स्वराज और वसुंधरा सिंधिया पर एक ही पंक्ति में अटैक। तो मैंने न्यूज़ पढ़ा ही नहीं। It was obvious the attack was sexist, and it was coming from inside the party as much as outside. Granted India is a sexist country, but a sexist India can not become a world power.
लोकतंत्र मजबुत करना है तो free speech, freedom of religion, vibrant Opposition, women's empowerment -- सबको celebrate करो।
Granted the BJP is a big tent, and there are all kinds of people in it. There are fringe elements who will say anything. But when the tail starts wagging the dog (as in, mainstream politics), one has to take note.