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Friday, October 04, 2024

भगवान कल्कि आ चुके



कलि युग का शुरुवात कैसे हुवा? ५,००० साल पुरानी बात है। दुनिया के सर्वश्रेष्ठ योद्धा अर्जुन के बेटे अभिमन्यु के बेटे राजा परिक्षित को कलि पुरुष ने अनुरोध किया: "हमें रहने के लिए जगह दो।" कलि पुरुष कौन? वही जिसे इशाई, यहुदी और मुसलमान शैतान या सेटन कहते हैं। 

पिछले युगों के घटनाएं इस कलि युग के लोगों को जादुइ लगते हैं। तो पिछले युग के लोगों को भी इस कलि युग के घटनाएं असंभव और काल्पनिक लगते थे। कनिष्ठ पांडव द्वय नकुल सहदेव ने सपने देखे। भगवान श्री कृष्ण को कहा। तो श्री कृष्ण ने उन्हें समझाया कि जो देखा कलि युग में वही सब होने को है। तो नकुल सहदेव को अजीब लगा। ऐसा भी होना संभव है क्या? लोग एक दुसरे से उतना गलत व्यवहार करेंगे? 

धर्म का क्षय होने से क्या होता है? लोगों का एक दुसरे के प्रति व्यवहार ख़राब होते चला जाता है। अगर आप को कलि युग से समस्या है जहाँ धर्म चार में सिर्फ एक पैर पर खड़े रहती है तो आप को नर्क में काफी समस्या होगी। नर्क जाने से बचें। अच्छा कर्म करें। 

मृत्यु शैया पर भीष्म पितामह ने भगवान श्री कृष्ण को कहा: "आप तो ईश्वर हैं ना?" उनके कहने का तात्पर्य था क्या ऐसा छलकपट ईश्वर को शोभा देता है? भीष्म पितामह को छल से मारा गया था। पहले तो भगवान श्री कृष्ण ने कहा, "मैं तो आप का पौत्र हुँ।" 

फिर कहा: "ये तो आप ने कुछ नहीं देखा। कलि युग में तो और क्या क्या करने होंगे।" यानि कि भगवान कल्कि को कलि युग समाप्ति के कार्य के दौरान क्या क्या करने पड़ सकते हैं। 

कलि पुरुष ने अनुरोध किया: "हमें रहने के लिए जगह दो।" राजा परिक्षित ने कहा: "कहाँ रहोगे?" जवाब आया: "सोने में रहने दो। पैसे में रहने दो।" और हो गया शुरू कलि युग। 

बाइबल के गॉस्पेल में जिस शब्द का सबसे ज्यादा जिक्र है वो है पैसा। जो इन्सान पैसे को सर्वोपरि मानता है वो अपने लिए स्वर्ग के द्वार बंद कर लेता है। ५,००० साल में पहली बार किसी ने कलि युग समाप्ति का एक रोडमैप लाया है। पुस्तक का नाम है कल्किवादी घोषणापत्र। उसमें पैसारहित समाज के निर्माण की बात है। देश रहेगी, समाज रहेगी, अर्थतंत्र रहेगी, लेकिन पैसा नहीं। जो लोग जानते हैं कलि युग कैसे शुरू हुवा उन्हें समझने में आसानी होगी कि कलि युग समाप्त करने के लिए पैसारहित समाज का निर्माण क्यों जरूरी है।

कलि युग समाप्ति और सत्य युग के शुरुवात की बात हो रही है। और इस बात का जिक्र अलग अलग धर्म के धर्म ग्रन्थों में है। लेकिन आप को बहुत लोग मिल जाएंगे जो उसको गलत समझ रहे हैं। युग के अंत को गलत समझ के धर्ती का ही अंत कह रहे हैं। कह रहे हैं दुनिया ख़त्म हो जाएगा। युग ख़त्म होगा दुनिया नहीं। 

ईश्वर एक हैं। सृष्टि एक तो ईश्वर कितने होंगे? सृष्टि एक तो श्रष्टा कितने? ईश्वर कोइ प्रधान मंत्री या राष्ट्रपति नहीं कि भारत का प्रधान मंत्री एक आदमी और अमेरिका का राष्ट्रपति कोइ दुसरा आदमी। 

इस्लाम १४०० साल पुराना। इशाई धर्म २,००० साल पुराना। बौद्ध धर्म २५०० साल पुराना। यहुदी धर्म यही कोइ ४,००० साल पुराना। यहुदी भी और चिनिया भी दोनों कहते हैं कि हम बहुत पुराने लोग हैं, हमारी इतिहास बहुत पुरानी है। कितनी पुरानी? दोनों कहते ५,००० साल पुरानी। 

यानि कि सनातन धर्म के अलावे बाँकी प्रमुख धर्म सबके सब इस कलि युग में पैदा हुवे। 

इशाई लोगों को आश्चर्य होता है कि हमने मान लिया जीजस ही मसीहा हैं लेकिन यहुदी क्यों नहीं मान रहे? तो २,००० साल पहले येशु को उनके शिष्यों ने कहा: "आप कहते रहते हो ईश्वर ईश्वर। सिखाओ हमें उस ईश्वर को प्रार्थना कैसे करें।" तो येशु ने जो सिखाया वो इशाई धर्म का सबसे प्रख्यात प्रार्थना है। दुनिया के प्रत्येक देश के प्रत्येक चर्च में प्रत्येक रविवार को वो प्रार्थना करते ही करते हैं। कि हे ईश्वर धरती पर आ जा और सारे धरती का राजा बन जा। यानि कि २,००० साल से दुनिया भर के इशाई वो प्रार्थना करते आ रहे हैं। वो प्रार्थना येशु को लक्षित नहीं है। यानि कि उसमें येशु को नहीं पुकारा जा रहा है। 

यहुदी इजिप्ट में गुलाम थे। उन्होंने ४०० साल तक प्रार्थना की। कि हे ईश्वर हमें इस गुलामी से मुक्ति दिला। उनकी प्रार्थना सुनी गयी। वो सारी कहानी आप बाइबल में पढ़ सकते हैं। २,००० साल से इशाई प्रार्थना कर रहे हैं कि हे ईश्वर धरती पर आ, सारे धरती का राजा बन। 

आप यहुदी को पुछिए। क्यों नहीं मानते तुम येशु को मसीहा? तो वो कहेंगे हमें जिस मसीहा का इंतजार है वो सारे पृथ्वी के अकेले राजा होंगे और दुनिया के कोने कोने तक शांति और समृद्धि ले जाएंगे। येशु राजा नहीं फ़क़ीर था। मरते समय उसके पास संपत्ति के नाम पर फुटी कौड़ी नहीं थी। 

जिस मसीहा का यहुदी को इंतजार है उसी के आने के लिए दुनिया भर के इशाई २,००० साल से प्रार्थना करते आ रहे हैं। कि हे ईश्वर धरती पर आ जा और सारे धरती का राजा बन। यानि कि यहुदी को भी और इशाई को भी उसी एक व्यक्ति का इन्तजार है। 

कल्किवादी घोषणापत्र में दुनिया के कोने कोने तक शांति और समृद्धि ले जाने का रोडमैप है। काम शुरू हो चुका है। उसको लागु करने के लिए नेपाल को पायलट प्रोजेक्ट देश चुना गया है। कल्किवादी घोषणापत्र में एक ऐसे अर्थतंत्र की कल्पना है जहाँ प्रत्येक व्यक्ति के पास काम है, चाहे वो घर के भितर घर सम्हाल रही महिला हो चाहे और कोइ। प्रत्येक काम का एक ही मुल्यांकन। आप ने आठ घंटे काम किए आप के खाते में आठ घंटे गए। पैसा है ही नहीं। आप को बाजार में जा के कुछ खरीदना है तो किसी चीज का मुल्य रहेगा दो सेकंड, किसी का २० मिनट, किसी का ५० घंटा। बेरोजगारी बिलकुल ख़तम। सबके पास काम। बड़े से बड़े शहरों से छोटे से छोटे गाओं तक एक ही लिविंग स्टैण्डर्ड। महिला पुरुष समानता। गरीबी नामकी कोइ चीज रहेगी नहीं। महँगी ख़तम। आज का एक घंटा जितना होता है १०,००० साल पहले भी उतना ही होता था और १०,००० साल बाद भी उतना ही होगा। 

जिस शांति और समृद्धि का इन्तजार यहुदी को है उसका रोडमैप कल्किवादी घोषणापत्र में क्यों है? और वो सबसे पहले नेपाल में क्यों लागु होने जा रहा है? बाइबल का सबसे प्रख्यात पुस्तक है गॉस्पेल ऑफ़ जॉन। उसके प्रथम दफा में ही कहा गया है येशु ने स्वर्ग और धरती की सृष्टि की। आप किसी भी हिंदु को पुछ लिजिए: "स्वर्ग और धरती की सृष्टि किसने की?" तो वो तुरन्त बोलेंगे: "ब्रम्हा।" 

हिन्दु जानते हैं और मानते हैं कि विष्णु मानव अवतार में बार बार धरती पर आ चुके हैं। राम भी वही, कृष्ण भी वही और बुद्ध भी वही। उनका दशवाँ और अन्तिम मानव अवतार होना है। उनका नाम रहेगा कल्कि। जैसे कृष्ण शब्द का अर्थ होता है काला उसी तरह कल्कि शब्द का अर्थ भी होता है काला। बुद्ध पैदा हुवे तो उनका नाम बुद्ध नहीं था। उनका नाम था सिद्धार्थ गौतम। बुद्धत्व प्राप्त करने के बाद वे बुद्ध बने। उसी तरह कलि युग समाप्त होने से भगवान कल्कि की भी परिचय स्थापित होती है। लेकिन कलि युग जब समाप्त होगी तब समाप्त होगी। पहले तो एक रोडमैप आएगा। वो आ चुका। एक पुस्तक के रूप में सारी दुनिया को उपलब्ध है। पुस्तकका नाम है कल्किवादी घोषणापत्र। 

हाल ही की सुपर डुपर हिट फिल्म "कल्कि २८९८ एडी" में दिखाया गया है शम्भाला। हिमाली क्षेत्र में कोइ अदृश्य दिवार के पिछे छिपा एक गाओं, एक छोटा सा शहर। शम्भाला। वो क्या है? वो एक ५,००० साल पुरानी भविष्यवाणी को समझने का प्रयास है। भविष्यवाणी है कि जब भगवान कल्कि आएंगे वो शम्भल में पैदा होंगे। तो लोग ढूँढ रहे हैं। कहा गया हिमाली क्षेत्र। लेकिन गलतफहमी ये है कि लोग गाओं शहर ढूँढ रहे हैं। वो शम्भल कोइ गाओं या शहर नहीं, पुरा का पुरा देश है जहाँ अमिताभ बच्चन साहब वर्षों पहले अपने महान फिल्म के शुटिंग के लिए गए थे। शम्भु का देश अर्थात शम्भल। शम्भु का देश, अर्थात पशुपतिनाथ का देश, अर्थात नेपाल। हिमाली भेग में आज कौन सा देश है जिसका नाम शम्भल शब्द से बहुत मिलताजुलता है? पाकिस्तान? भारत? भुटान? तो फिर? 

"कल्कि २८९८ एडी" में दिखाया गया है दीपिका पादुकोण का नाम है सुमति। सुमति क्यों? क्यों कि ५,००० साल पुरानी एक भविष्यवाणी है कि जब भगवान कल्कि आएंगे वे सुमति नाम के औरत के गर्व से पैदा होंगे। यानि कि माँ का नाम सुमति होना है। सुमति शब्द का शाब्दिक अर्थ निकलता है शांति। भगवान कल्कि पैदा हो चुके और उनके माँ का नाम शांति ही है। वे मुझे बहुत अच्छी तरह जानती हैं। 

राम पैदा हुवे अयोध्या। कृष्ण मथुरा। बुद्ध लुम्बिनी। कल्कि मटिहानी। शंकराचार्य बॉर्डर के उस पार बिहार में पैदा हुवे। उनका एक अहं रोल रहेगा इस प्रोजेक्ट में। कलि युग समाप्ति वाले प्रोजेक्ट में। 

भगवान कल्कि जो काम करने जा रहे हैं वो समझना है तो आप अमिताभ बच्चन का "कल्कि २८९८ एडी" नहीं शाहरुख़ खान का जवान देखिए। जवान फिल्म में दिखाया गया है काम कैसे आगे बढ़ेगी। जब कि डायरेक्टर एटली या अभिनेता शाहरुख़ खान ने कोइ कल्कि मुवी बनाइ ही नहीं। उन्हें भी आश्चर्य होगा ये जान के कि जो फिल्म उन्होंने बनाइ वो एक कल्कि मुवी बन गयी। 

भगवान कल्कि सम्बंधित १२ में से ११ भविष्यवाणी भगवान कल्कि में पुरे हो चुके हैं। उससे उनकी परिचय स्थापित होती है। सबसे महत्वपुर्ण बात तो है काम। कलि युग समाप्ति का रोडमैप जो आया है। 

क्रिस्चियन कहते होली फादर, होली सन, होली स्पिरिट। उन्हें ही हिन्दु कहते विष्णु, ब्रम्हा, शिव। यानि कि दुनिया भर के क्रिस्चियन २,००० साल से भगवान विष्णु को पुकार रहे हैं कि हे ईश्वर आ धरती पर राज कर। आप हिन्दुओं को पुछिए: "क्या भगवान विष्णु ने कभी मानव अवतार में धरती पर राजा बन के राज किया है?" राजा राम सिर्फ अयोध्या के राजा थे। भगवान कल्कि सारे पृथ्वी के राजा होंगे। दुनिया के कोने कोने तक शांति और समृद्धि जाएगी। 

हिन्दु कहते बुद्ध भी विष्णु के अवतार। इस बात को बहुत बौद्ध धर्मावलम्बी नहीं मानते। लेकिन वो न मानने वाले प्रत्येक सिद्धार्थ गौतम की कहानी जानते हैं। राजकुमार  सिद्धार्थ गौतम को उनके राजा पिता ने दुनिया के हर संभव सुख शयल दिए ताकि बालक को जोगी बनने का विचार सपने में भी न आवे। लेकिन गौतम जोगी बन गए। उनके पैदा होते ही एक एस्ट्रोलॉजर आ के बोले राजा को: "हे राजन, आपका ये बेटा बहुत विशेष है। या तो ये जोगी बनेगा या तो फिर सारे पृथ्वी का राजा।" राजा को तो राजा चाहिए था।  

पिछले बार जोगी बने। अबकी बार राजा बनेंगे। 

आपने महाभारत टेलीसीरियल अगर देखी है तो गौर किया होगा शुरू में ही एक वाक्य आता है। यदा यदा ही धर्मश्य। यानि कि भगवान श्री कृष्ण गीता में कह रहे हैं: "मैं धर्म के पुनर्स्थापना हेतु प्रत्येक युग में आउंगा।" उनके आने का हिन्दु समाज ५,००० साल से इंतजार कर रही है। वे आ चुके। कलि युग समाप्ति का काम शुरू हो चुका। 

इंडिया का नाम भारत हो चुका। उस भारत का नाम भगवान कल्कि के नाम पर कल्किस्तान होने जा रहा है। मोदी के बाद जो प्रधान मंत्री होंगे वो भारत के अंतिम प्रधान मंत्री होंगे। वर्णन योगी जी से बहुत मिलता है। वो देश भगवान कल्कि को सौंपेंगे। वो कल्किस्तान अभी के भारतवर्ष से बहुत बड़ा होगा। उतना बड़ा होगा जितना बड़ा इतिहास में कभी रहा नहीं। मोदी प्रधान मंत्री पद से हटने के बाद कल्कि प्रोजेक्ट में सम्मिलित हो जाएंगे। 

कल्किवादी घोषणापत्र के लेखन में सहयोग करने वाले काठमाण्डु के दिग्गज अर्थशाष्त्री डॉ उमाशंकर प्रसाद नेपाल के युनुस हैं। बंगलादेश में जिस नाटकीय ढंग से सत्ता परिवर्तन हुवी उससे ज्यादा नाटकीय ढंग से नेपाल में सत्ता परिवर्तन होनी है और डॉ उमाशंकर प्रसाद को नेपाल का राष्ट्राध्यक्ष बनना है और कल्किवादी घोषणापत्र को नेपाल में लागु करना है। पहले नेपाल। उसके बाद भारत और चीन के रास्ते दुनिया के प्रत्येक देश तक पहुँचना है। नेपाल को विश्व गुरु बनना है। 

भगवान कल्कि आ चुके। धरती पर हैं। कलि युग समाप्ति का काम शुरू हो चुका। सहभागी हो जाइए इस युग परिवर्तन के प्रोजेक्ट में। 













Saturday, June 29, 2024

अमिताभ, प्रभास, दिपीका और कमल हसन का कल्कि मुवी





हप्तो से, महिनो से कल्कि २८९८ AD के ट्रेलर देखते आ रहे थे। रिलीज़ के लिए जब फिल्म के प्रमुख कलाकार स्टेज पर इकट्ठे हुवे तो उसका भी वीडियो युट्युब पर देखा। रिलीज़ हो गइ पर देखने कहाँ जाएँ? तो अब तो अमरीका में रेगुलर मुवी थिएटर में ही रिलीज़ हो जाती है फिल्म। ऑनलाइन सर्च किया तो पता चला अल्बुक़र्क़ी में चल रहा है। ऑनलाइन ही टिकट लिया और फिर गाडी में बैठ रवाना हो गए।

सांता फे से अल्बुक़र्क़ी का ड्राइव सीनिक है बहुत ज्यादा। स्पीड लिमिट ७५ माइल है लेकिन ८० चलाओ तो भी लोग बराबर ओवरटेक करते रहते हैं। लौटते बख्त बारीश हो गइ तो ७० पर आ गए। एक बार तो थोड़ा और कम कर दिया।

ये पहाड़ी इलाका भी है और मरुभुमि भी। बारीश हो गइ, बड़ी बात हो गयी। जिसके घर में किराए पर कमरा लिया है वो कह रहा था देखो यहाँ घर के सामने घाँस हुवा करते थे। कुछ सालो से सुखा पड़ा हुवा है।



असली कल्कि फिल्म तो शाहरुख़ खान का जवान है। ये मेरे को महिनों से मालुम था। मेरे को ये बात खुद भगवान कल्कि ने कहा। सिर्फ मेरे को ही नहीं सबको कहा। अपने फेसबुक स्टेटस में लिखा। हाँ, वे आ चुके हैं। लेकिन ये बात खुद शाहरुख़ खान को नहीं पता। फिल्म के निर्देशक एटली को नहीं पता। ईश्वर आप के मार्फ़त अपना काम कर सकते हैं, अपना सन्देश दे सकते हैं और आप को पता तक न चले। उस बात का प्रमाण है जवान फिल्म।

शाहरुख़ की तरह मैं भी अमिताभ बच्चन का जबरदस्त फैन रहा हुँ। सारी जिन्दगी। मेरे कागजात पर जो जन्मदिन है वो मेरा नहीं, अमिताभ का है। जब स्कुल भेजना हुवा तो कागज पर जन्मदिन लिखना होता है। मेरे पिता जी ने लिखा। लेकिन मेरा नहीं अमिताभ का। शायद उन्हें लगा होगा ये लड़का तो बड़ा जबरजस्त फैन निकला। लेकिन वो बात मेरे को दश साल पता नहीं चला। एक बार गौर किया तो लगा, अरे ये तो अमिताभ बच्चन का जन्मदिन है। तो जब लोग मेरे को जन्मदिन मुबारक बोलते हैं सोशल मीडिया पर तो मैं जवाब में लिख देता हुँ, अमिताभ बच्चन को जन्मदिन मुबारक। मैं हाई स्कुल में अमिताभ का बाल नकल किया करता था। सर्च करो वो पिक्चर इंटरनेट पर मिल जाएंगे। ब्लैक एंड वाइट में है। स्टुडिओ जाना पड़ता था फोटो खिंचाने।

बहुत अच्छा काम किया है अमिताभ ने फिल्म में। उनकी ब्लैक फिल्म याद आ गयी।

कल्कि २८९८ में नहीं आएंगे। वे आ चुके हैं। फिर भी मैं पिक्चर देखने गया। फिल्म कला है। कलाकार को छुट है अपनी कल्पना शक्ति को उँची उड़ान दें।

भगवान कल्कि के बारे में भविष्यवाणी है। और सिर्फ किसी एक धर्म ग्रन्थ में नहीं। सिर्फ किसी एक धर्म में नहीं। दुनिया के प्रत्येक देश के प्रत्येक चर्च में प्रत्येक रविवार को एक प्रार्थना लोग करते ही करते हैं। कि हे ईश्वर धरती पर आ जा और धरती का राजा बन शासन कर। वो शासन करेंगे। और उस नए युग का अर्थतंत्र कैसा रहेगा उसे कल्किवादी घोषणापत्र में लिख कर बाजार में रख दिए हुवे हैं।

इस कल्कि फिल्म में मैड मैक्स भी देखने को मिलता है और थोड़ा स्टार वार्स भी। साई-फाई फिल्म बनाने का प्रयास हुवा है। निर्देशक सोंचे होंगे अभी को ७०० साल बाद टेक्नोलॉजी बहुत फर्क होगा। लेकिन जवान फिल्म में न कोइ मैड मैक्स है न कोइ स्टार वार्स।



लेकिन हाँ, ये पिक्चर भगवान कल्कि के बारे किए गए कुछ प्रमुख भविष्यवाणियों के तरफ स्पष्ट संकेत जरूर करती है। जैसे कि शम्भाला। वो शम्भल है। कहा गया है भगवान कल्कि शम्भल में पैदा होंगे। पैदा हो चुके हैं। शम्भल कोइ गाओं या शहर नहीं, पुरा का पुरा देश है। कौन हिमाली देश है आज जिसका नाम शम्भल से मिलता जुलता है? स्पष्ट है वो पाकिस्तान नहीं। वो भुटान नहीं। वो भारत नहीं। तो फिर? स्पष्ट बात है। नेपाल। भगवान कल्कि नेपाल में ही पैदा हुवे, भगवान बुद्ध की तरह। भविष्यवाणी है भगवान कल्कि के मां का नाम सुमति। सुमति का शाब्दिक अर्थ निकलता है शान्ति। भगवान कल्कि के माँ का नाम शान्ति ही है। वे मुझे बहुत अच्छी तरह पहचानती हैं।

अस्वस्थामा को तो शुरू से ही कहा गया है अस्वस्थामा। लेकिन फिल्म के अंतोअंत तक खुद अस्वस्थामा को पता नहीं चलता की प्रभास कर्ण हैं। तो भगवान कल्कि के काम में सहयोग करने महाभारत और बाइबल के ढेर सारे करैक्टर आए हुवे हैं और दुनिया में जगह जगह हैं। सही वक्त पर वो सब एक एक कर के प्रोजेक्ट से जुड़ते चले जाएंगे। उनमें से कैयो से मैं मिल चुका हुँ। जैसे कि एक हैं संजय जिन्होंने धृतराष्ट को कुरुक्षेत्र के युद्ध के बारे में सारी बाते बताइ। वे वापस आ गए हैं और दिल्ली में रहते हैं।





Monday, January 09, 2017

Golden Globes



So, I read the full Meryl Streep speech in a Washington Post article, not because she bashed anybody, but because I have liked her acting for so long. She has been the Fidel Castro of Hollywood, in how long she has dominated. She is easily the best actor of her generation, male or female. She has this range that no one else has had in the industry. She does her thing. And is a joy to watch. And I thought she was also looking fabulous.

The two Bollywood mavens were both looking golden. I looked up on Google Images. Priyanka Chopra and Deepika Padukone. I am sure both were much watched back in India. I believe they are just getting started. I expect them to do very well over the years. Bollywood needs to start making movies for the mainstream American audiences. India, after all, is the largest English speaking country in the world.

The sheer volume of PC's work is mind boggling.

#GoldenGlobes @sofiavergara

A video posted by Priyanka Chopra (@priyankachopra) on

Snowed in...#delayed #nyc #LA #goldenglobes #nosleep #asusual #flysafe #grrrr #zzzzz

A photo posted by Priyanka Chopra (@priyankachopra) on

Monday, December 28, 2015

Bajirao Mastani: English Subtitles: US Mainstream Release

बजराओ मस्तानी विक्की क्रिस्टीना बार्सिलोना

डबिंग करो तो मजा किरकिरा हो जाता है। हाँ, लेकिन इंग्लिश सबटाइटल दे दो तो मेरे को लगता है ये मूवी अमरिका के  जो मेनस्ट्रीम थिएटर हैं वहाँ जोरो से चलेगी। सुनते हैं १०० करोड़ पार कर चुकी मूवी। अमरिका में १०० मिलियन डॉलर पार करेगी। कर के तो देखो।



अमरिका का टेक रेवोलुशन सब श्रेय जाता है नेहरू को। वो तो अभी गूगल माइक्रोसॉफ्ट में उपर ही आ गए हैं। नहीं तो शुरू से ही भारतीय इंजीनियर ही सब काम कर रहे हैं। तो सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेजा तो कमाई हुवी।

लगे हाथ अब शहर शहर योग गुरु भेजो। वैसे भारतीय डाक्टर पहले ही पहुंच गए हैं। प्रत्येक शहर में। लेकिन योग गुरु भेजो। बहुत बड़ा मार्केट हैं। लोकल योग गुरु उटपटांग कर देते हैं। मैं गया हुँ। योग को १००% स्ट्रेचिंग बना के प्रस्तुत करते हैं। तो मेरे को लगा नहीं यहाँ मार्केट है।

डाक्टर भेजा। सॉफ्टवेयर इंजीनियर भेजा। आग लगे हाथ योग गुरु भी भेजो।

उसको बाद बजिराओ मस्तानी इंग्लिश सबटाइटल में रिलीज़ करो। तब हिंदी सिखलाने वाले लैंग्वेज टीचर भी भेजना शुरू कर दो। बिहार इस मायने में आगे आ सकता है। शिक्षा का विरासत है बिहार में। लोग कहने लगेंगे सबटाइटल से काम नहीं चल रहा। हमें हिंदी सिखना है। तो सिखो। कौन रोक रहा है?

एक राजनीतिक एंगल भी है। ब्रिटेन को धक्का दे के भारत को उसका जगह लेना है। अमरिका और भारत।

Friday, December 25, 2015

बजराओ मस्तानी विक्की क्रिस्टीना बार्सिलोना

एक इंटरव्यू में दीपिका ने कहा कि वो चाहती हैं वुडी एलेन के साथ काम करें। मेरे नजर में वुडी एलेन का सबसे बेहतर मुवी है विक्की क्रिस्टीना बार्सिलोना। तो बजराओ मस्तानी विक्की क्रिस्टीना बार्सिलोना को एडाप्ट किया गया है ऐसा लगता है। उससे भी बेहतर। क्योंकि विक्की क्रिस्टीना में मुघल बगैरह नहीं हैं। इमोशन तो इमोशन होता है, चाहे ओ आज का हो या २०० साल पहले का हो। टेक्नोलॉजी बदल सकता है, इमोशन परमानेंट है। दिलखुश। बहुत गहरा चोट करती है ये मूवी। अमिताभ की सीधे उत्तराधिकारी हैं दीपिका। इनको एक्शन में देख के तिलमिला जाते हैं।



Wednesday, July 22, 2015

Bajrangi Bhaijan: Child Star: Top Star

The child star is the top star in the movie. I think she will succeed Deepika Padukone when she grows up. She is a natural actor with very expressive eyes.

Although Salman, Kareena and Siddiqqi are pretty good too. It is a great movie. मेरे को अमीर खान बना दिया: मैं भी रोया। जो नेता लोग ना कर सके शायद बॉलीवुड कर दे ---- पाक भारत शान्ति

इनको Best Actor award मिलना चाहिए। जो सलमान को मात कर दे वो तो बेस्ट एक्टर वैसे भी हो गयी --- नहीं?

मैं सोंचता रहा, इनको scenes समझने पड़े होंगे ---- कैसे समझ गयी सब? सलमान को पहचानती है कि वो oversize हीरो है? बिलकुल नार्मल रही।

Education and a movie career can go hand in hand. She has already found her calling. Why stop now? No media interviews. But work can continue at a reasonable pace.

















Saturday, June 13, 2015

Tough, Challenging Roles For Amitabh

Amitabh Should Do A Movie With Anushka
Happy Birthday Amitabh Bachchan
ह्रदय सम्राट अमिताभ
भारतका विश्व शक्ति बनना और बॉलीवुड

I feel like Amitabh has not been challenged enough yet. I have some suggestions as to roles for him.
  • There is a novel by Gabriel Garcia Marquez. I believe, The General In His Labyrinth. It is a wonderful story of power. I think Amitabh should play this role. And it should be produced in English, with Hindi subtitles for the audience at home. Usi bahane log English bhi sikh le, Modi ko madat ho jayegi. Amitabh deserves a global hit, Amitabh deserves to play a lead role in a movie that hits the mainstream theaters across a country like America. This role would be perfect for him. It would be an Oscar contender. Best Actor award abhi, Lifetime Achievement Award 20 baras baad. Ye jo blog par likhte hain London mein sadak par ghuma, wo din khatam ho jayenge. London mein bhi mobbing shuru. Enjoy your anonymity while it lasts. Soundtrack compelling hona chahiye. Tobey Maguire ko ek role do usmein. Perhaps also Salma Hayek
  • A movie called Bhishm. The ever fresh story of Mahabharata told as through Bhishm's perspective. The movie obviously ends when Bhishm dies. This can be in Hindi with English subtitles. For a global release. Maybe it should not be the old Bhishm story. It should be Bhishm in a 21st century setting. A complete modern interpretation. Today's plot, today's technology, today's venues. 
  • Dawood Ibrahim in old age. Yes, t-h-a-t Dawood. You will need another actor to play the young as well as current Dawood. Amitabh se chehra kista milta julta hai? Maybe Shahrukh can play the younger Dawood. A modern Shakti. Ek hi film mein Shahrukh aur Amitabh
  • A biopic on Jung Bahadur Rana of Nepal. Sometimes you need a small political stage that a small country provides to appreciate the political skills of a political player. Here Salman or Aamir could play the young Jung Bahadur. 
  • Black II 
  • Kaante II 
  • A modern interpretation of the love story around Taj Mahal 
  • A Bollywood interpretation of the New York City underworld. Shot in NYC. English subtitles, global release. Hindi ko UN language banana hai
  • A Mumbai Police Commissioner who plays both sides, a really complex character who does genuinely good things, and obviously bad things, and is unhappy at home. 
  • A NRI tycoon in Africa who befalls really tough times brought about by a regime change. Idi Amin. 
  • A huge multinational's CEO who is struggling to hand over the reigns of his business empire. The film does not have a clear conclusion. NRI. 
  • A man's losing battle with Alzheimer's. 
  • An old man who opts for assisted suicide. The entire movie is vexation. 
  • A Pathan's family story as lived through the partition. Broad theme: India-Pakistan tensions as lived today. Telling both sides of the story. Possibly helping heal rough edges. Both sides have their stories, both sides are right in their own ways. You end up sympathetic to both sides by the time the movie ends. It feels like we are one people after all, torn apart by the British. 
  • An ugly Indian General in Kashmir. 
  • An ugly Indian General in the Northeast. 
  • The story of an adoption. With Amitabh as the adopting father. 
  • Prabhakaran's spiritual Guru and political mentor and chief ideologue. No such person existed, but I guess that is why we will call it fiction. The backdrop gives you all the violence. 
  • A Latin American drug lord who survives longer than any other precisely because he has mastered the art of living in the jungle. Ends up his motivation is not money. Drug lords much younger than him fall like flies left and right. There are huge myths around him. His organization uses the latest in technology, but his lifestyle makes electronic eavesdropping impossible. The story is told through the eyes of a reporter who struggles to get to interview him. The reporter is Anushka Sharma. When she finally meets him, he is seen living like maybe he is a shaman. But, make no mistake, he is the deadliest drug lord in the world. The movie is in English, with Hindi subtitles. Another Oscar contender. India is the largest English speaking country in the world. Main foreign ki baat thode kar raha hoon? The interview itself is like she is not talking to a real person, but a shadow. There are multiple sittings, several of which are attended not by Amitabh but his body doubles. The reporter can't tell. A few times the interview is conducted in the dark where the reporter does not get to see Amitabh only hear him. One of those times, he is not even there, he is talking through a walkie talkie. Ye Amazon ke ghane jungle mein rahte hain. He has detailed knowledge of herbs and ancient medicine. Anushka ke ek ghao ko thik kar deta hai. In a magically short time. He hints herbs keep him young at an old age. Usko emotional counselling bhi deta hai. She was so not expecting that. By the time she is done, she feels like she just interviewed someone who is perhaps as powerful as the President Of The United States. He is the POTUS' alter ego. He is the only person in the world who can claim he in engaged in a personality clash with the POTUS. He sits on top of an equally sophisticated power structure, perhaps more nimble. And because he has no democratic/electoral/public constraints, he is in some ways more powerful. He has global operations. One of his minions is head of state on some island in the Pacific. That much is known. All his political links are not known. His body doubles attend tribal celebrations in far flung areas of the Amazon. They get killed at the rate of one every few years. That adds to the myth. The weirdest part is, the guy does not even have a bank account. It is hard to understand as to why people around him obey him at all. Nobody knows anything about his family, if he has one, who they are. Nobody knows who his top people are. He does not spend two nights in one location. When he travels, he sleeps during the day, and travels through the night. As do his body doubles. He was born part Indian, part Brazilian, and spent the first few years of his life in Trinidad. He was on nobody's radar until he became really big. The POTUS is constantly trying to kill him. The orders inside his organization are, should the POTUS succeed, an attempt is to be made on the POTUS' life. Very possibly a successful attempt. After he has retired and is an easier target. And the body doubles are to keep filling up until that mission is accomplished. 
  • A love story. A man with multiple wives and many children living in a commune of their own. And a business empire he built. The business is software and herbal medicine. The group dynamics inside the company is very unconventional and very cutting edge. It is a woman's world inside the company's power structure. There is collective leadership. 
  • An ageing hereditary Mukhiya, long retired, who makes you empathize with him and his old ways, and have second thoughts about "modern" political processes, institutions and players. He still holds court in his village while holding no official title of power. A local MLA accused of a crime is tried in this "court." It is a one sitting session. Ends up he is not guilty of the accusation. But he was framed because he is a Dalit. The accusation is rape. You see the full glare of the political art of demonization. Until the very end you feel like maybe he is guilty.  
  • The story of a tribal student attending a cutting edge modern high school with his patron (Amitabh) in the backdrop who plucked him out of his village on one his trips. The student is academically gifted but the focus of the story is on his social travails of being a tribal and the emotional suffering that goes with it, the social exclusion. There is very little Amitabh can do except empathize. He creates situations where he is also made to go through situations that are similar. Only once or twice he intervenes to straighten things out. But mostly he just empathizes. 
  • The father of a woman who challenges patriarchy in work and life. Setting: urban India. Towards the end she realizes he understood all along, and was always with her, not just in love and empathy but also in understanding powered by the love. He understood all her complex situations. That amazes her because he has no corporate experience whatsoever. Modern settings, et al. The daughter is Deepika Padukone
लो मैंने ५-६ साल के लिए काम तो दे ही दिया। 







Wednesday, June 10, 2015

Amitabh Should Do A Movie With Anushka



बीरू -- एक लव स्टोरी हो जाये --- age is just a number.

Plot suggestion -------- Amitabh is a 50 year old self made billionaire who has not been in a relationship for over a decade. He is a workaholic, also he is very particular when it comes to women, if he is not into you, he is not into you. It is not like friends did not try to set him up, leading to comic situations: to him it is a game where he enjoys deflecting. And then he meets her. She is 30, and extremely unconventional. An artist who does not care two hoots about money. When she first meets her, she has no idea who he is. She has to look him up online. Later. But what she falls for is he is just as unconventional, in his workspace as well as his personal space. The movie explores that overlap, that outlook, that worldview that both share.

There are ups and downs, and a near going back by Anushka to a former boyfriend, but then the two - Amitabh and Anushka end up in a live in situation, where the movie ends. And Amitabh's work takes wings, he starts scaling new heights. This was something he had not expected. What he likes is that she treats both his career and her career with equal respect. Just because she is an artist making much, much less is immaterial to her. As she sees it, they are both doing creative work. And precisely because she has this monk attitude, she takes to the high life like duck to water. She is fully in it, but still unattached, and she would walk away from him if the relationship did not feel right, which she once almost did.

उसको बाद एक मारधाड़ हो जाये --- आप गुंडों की खूब पिटाई करबाओ। खुद नहीं पीटो। Powerful people don't beat up themselves. They have people who do it for them. Next film after the love story. Back and forth होना चाहिए थोड़ा। कभी love story, कभी action.

Happy Birthday Amitabh Bachchan
ह्रदय सम्राट अमिताभ
भारतका विश्व शक्ति बनना और बॉलीवुड