कोरोना वायरस महामारी २०२०
(१) यो महामारी हो। १०० वर्ष अगाडि यस्तै भएथ्यो। सन १९१८ देखि १९२२ सम्म स्पेनिश फ्लु (Spanish Flu)। नाम मात्र स्पेनिश फ्लु (Spanish Flu) तर शुरू भएको अमेरिका बाट। त्यति बेला विश्व जनसंख्या को एक तिहाई इन्फेक्ट (infect) भएको र ५ देखि १० करोड़ को मृत्यु भएको अनुमान गरिन्छ। अहिले यो लगातार दुई वर्ष चल्छ र कमसेकम विश्व जनसंख्या को दुई तिहाई लाई इन्फेक्ट (infect) गर्छ भन्ने अनुमान छ। वैक्सीन (vaccine) नआएसम्म कोही पनि सुरक्षित छैन। वैक्सीन (vaccine) आउन कमसेकम डेढ़ वर्ष लाग्छ। डेढ़ वर्ष भित्र न आउन पनि सक्छ। यो भन्दा पहिला को रेकॉर्ड (record) ५ वर्ष हो। गर्मी जाड़ो केही मान्दैन यस वायरस (virus) ले। अमीर गरीब छुट्याउँदैन। प्रत्येक देशमा पुगिसक्यो। विश्व इतिहासमा मानव सभ्यता शुरू भए देखि नै यति धेरै मान्छे लाई एकै पटक छोएको यति ठुलो घटना भएको यो पहिलो हो। कसैले केही पनि नगरे द्वितीय विश्व युद्ध मा भन्दा बढ़ी मान्छे मर्छ यसमा।
(२) रुघा खोकी भन्दा फ्लु (flu) १० गुना कड़ा। फ्लु (flu) भन्दा यो कोविद १९ वायरस (Covid-19 virus) को इन्फेक्शन (infection) १० गुना कड़ा। यो रुघा खोकी हो भने बाघ बिरालो हो। यस भाइरस ले फोक्सो (lungs) मा मात्र आक्रमण गर्छ भन्ने कुरा सही होइन। फोक्सो (lungs) बाट शुरू हुन्छ अनि टाउको देखि पैताला सम्म पुग्छ। नया भाइरस हो। यकीन का साथ यो त्यो भनिसक्ने अवस्था आइसकेको छैन। फोक्सो (lungs) को बाटो मुटु (heart), मृगौला (kidney), कलेजो (liver), मगज (brain) सबै तिर पुग्छ। स्वाद र गंध हराउनु भनेको त्यो मगज (brain)मा क्षति पुगेर न हो। खुट्टा को औंठा मा पुग्छ। छाला मा रातो दाग हरु देखिन थाल्छ। यस्तो भाइरस हामीले पहिला कहिले देखेकै थिएन भन्दैछन वैज्ञानिक हरु।
(३) प्रत्येक दिन २ पटक बाफ सुंघौ। दिनमा ३-४ पटक तातो पानी खाऔ। रुघा खोकी ज्वरो को लक्षण देखिना साथ दिनको ४-६ पटक बाफ सुँघ्नु पर्छ।
(४) पैंट लगाए जस्तै मास्क लगाऔ केही बर्ष। मास्क नलगाएर हिडेको मान्छे नाङ्गो हिडेको हो। मास्क छैन भने रुमाल अथवा गमछा ले पनि काम चल्छ।
(५) हाथ नमिलाऔ, नमस्कार गरौं। दिनमा ३-४ पटक साबुन पानी ले कमसेकम आधा मिनट रगड़ि रगड़ि हाथ धोऔ। हाथ ले अनुहार न छोऔ।
(६) ह्रदय नजिक तर शरीर ६ फ़ीट टाढा। सकेसम्म घर भित्र बसौं। अहिले एक मात्र "औषधि" यो नै हो।
(७) दैनिक एक घंटा पसीना आउने गरी कसरत गरौं र इम्यून सिस्टम (immune system) मजबुत बनाऔ। इन्फेक्ट (infect) हुनु अगाडि इम्यून सिस्टम (immune system) सकेसम्म मजबुत बनाएको राम्रो। कसरत भनेको आफ्नो शरीर हेरी हेरी आफै डिज़ाइन (design) गर्ने हो। शरीर को कुनै अंग जस्तै हात खुट्टा एक पटक चलायो त्यो मूवमेंट (movement) भयो। त्यही मूवमेंट (movement) १०-२० पटक रिपीट (repeat) गर्यो त्यो कसरत भयो। औला चलाएर शुरू गर्न सकिन्छ।
(८) अदुवा लसुन को सेवन बढ़ाऔ। अदुवा को चिया (बेसार का साथ), ग्रीन टी को सेवन गरौं।
(९) रुघा खोकी ज्वरो आउना साथ आफुलाई आइसोलेट (isolate) गरौ। यदि त्यसमा लक्षण हरु थपिएर साँस लिन गारहो, स्वाद र गंध हराउने सम्म पुग्यो भने त्यो कोविद १९ इन्फेक्शन (Covid-19 infection) नै हो भन्ने मान्दा हुन्छ। औपचारिक उपचार को खोजी गरौं। ढिलो नगरौं। रुघा खोकी ज्वरो नै पहिलो लक्षण हुनु जरूरी छैन। यो फोक्सो मा सीमित रहने रोग होइन।
(१०) मोटामोटी इन्फेक्ट (infect) भएका मध्ये ८०% अस्पताल जानु पर्दैन तर तिनले अरुलाई रोग सारिरहेको हुन्छ। २०% बिरामी हुन्छ। ५% लाई औपचारिक उपचार को जरुरत पर्छ। १% को मृत्यु हुन्छ। तर उमेर ढलेको र मुटु रोग डायबिटीज आदि भएको समुह मा मृत्यु दर १०% हो। मोटापा (obesity) भएको मान्छे लाई यस वायरस (virus) ले बढ़ी प्रभावित गर्ने गरेको देखिएको छ। समय छँदै आफ्नो वजन सही बनाऔ। आफ्नो मुठी जत्रो हुन्छ पेट त्यत्रो नै हुन्छ। एक पटक मा त्यति मात्र खाऔ। तर नमर्ने ले पनि असाध्यै कड़ा पीड़ा भोग्नु पर्ने हुन्छ। अस्पताल बाट फिर्ता आउने हरूमा पनि लामो समय सम्म फोक्सो, मृगौला आदिको कम्प्लीकेशन (complication) भइरहने हुन सक्छ।
(११) घर बसेको प्रय्तेक व्यक्ति र परिवार ले सारा समाज लाई जोगाएको हो। कोही पनि भोकै बस्न नपरोस। आफ्नो मानवता प्रदर्शन गरौँ। महामारी लाई भुखमरी बन्न दिनु हुँदैन। नेपाल भारतमा सरकार ले विकास बजेट बाट जति सुकै झिक्नु परे पनि झिकेर घर घर खाद्य सामग्री पुर्याउनु पर्छ।
(१२) यति सन्देश आफुले चिनेको प्रत्येक व्यक्ति सम्म पटक पटक पुर्याऔ। अहिले पनि अधिकांश मानिस ले सीरिया को युद्ध टीवी मा देखेको तर आफुलाई न छोएको जस्तो लि राख्या छन। आफुले चिनेको कोही मान्छे मर्ने बेला सम्म पर्खिनु हुँदैन। त्यति बेला सम्म ढिलो भइसकेको हुन्छ।
(१३) कोविद १९ वायरस (Covid-19 virus) को बिरामी हरु उपचार गर्ने स्वास्थ्य कर्मी हरुले PPE (Personal Protective Equipment) को प्रयोग गर्नै पर्छ। साधारण सर्जिकल मास्क (surgical mask) ले हुँदैन। N95 मास्क नै चाहिन्छ। नाक मुख मात्र छोपेर पुग्दैन। आँखा पनि चश्मा अथवा गॉगल लगाउनु पर्छ। विंडब्रेकर (windbreaker) अथवा रेनकोट (raincoat) ले शरीर छोप्नु पर्छ र प्रत्येक दिन सफा गर्नु पर्छ। रबर को पंजा लगाउनु पर्छ। टाउको पनि कुनै प्लास्टिक ले छोप्नु पर्छ। यो विश्व युद्ध जस्तो हो। डॉक्टर, नर्स र अन्य स्वास्थ्यकर्मी हाम्रा सैनिक हुन। तिनलाई धन्यवाद भनौँ। ती हाम्रा लागि काम मा छन। हामी तिनका लागि घर बस्न सक्नु पर्छ।
(१४) सामाजिक दुरी (social distancing) को समयमा आफ्नो र अरुको मानसिक स्वास्थ्य को विशेष ख्याल गरौं। आफ्ना चिनजान का मानिस सँग बराबर संपर्क मा रहौं। तर सोशल डिस्टन्सिंग (social distancing) र लॉकडाउन (lockdown) से महामारी रोकिन्छ भनेर कसैले दाबी गरिरहेको छैन। मात्र त्यसले स्पीड (speed) घटने हो। सबै जना एक्कै पटक एक दुइ महिना भित्र इन्फेक्ट (infect) भएमा डॉक्टर नर्स स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल सबै का लागि काबु बेकाबु हुन्छ, मात्र त्यति का लागि सोशल डिस्टन्सिंग (social distancing) र लॉकडाउन (lockdown) भइ राखेको हो। दुइ महिना मा नभएर विस्तारै विस्तारै १२ अथवा २४ महिना लगायर हुन्छ भने हामी सम्हाल्न सक्छौं शायद भन्ने कथन मात्र हो। अर्थात Flattening The Curve.
(१५) आर्थिक क्षति त हुन्छ। तर अहिले दुई वर्ष जिउँदो मात्र रहने महत्वाकांक्षा राखौं। त्यति प्रयाप्त हो। बरु परिवारका लागि समय टन्न पाएकोमा दंग परौं। आध्यात्मिक गतिविधि बढ़ाऔ।
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कोरोना वायरस महामारी २०२०
(१) इ महामारी हइ। १०० साल पहले अइसने भेल रहइ। अभी इस्वी सम्वत २०२० चलि रहल हइ। सन १९१८ से १९२२ तक चारि साल स्पेनिश फ्लु (Spanish Flu) के महामारी चलल रहइ। नाम मात्र स्पेनिश फ्लु (Spanish Flu) लेकिन शुरू भेल रहइ अमेरिका से। तै चारि साल विश्व जनसंख्या के एक तिहाइ लोग इन्फेक्ट (infect) भेल रहइ आ ५ करोड़ से १० करोड़ के बीच लोग मरल रहइ से अनुमान कयल जाइ छै। अभी जब तक वैक्सीन (vaccine) न अबै छै तभी तक कोइ सुरक्षित न हइ। वैक्सीन (vaccine) आबे में कमसेकम डेढ़ साल लगतै। डेढ़ साल के भितर न भी आ सकइ छै। अइ से पहले सबसे जल्दी में जे वैक्सीन (vaccine) आइल रहइ ओकरा आबे में ५ साल लागल रहइ। इ भाइरस (virus) जाड़ा आ गर्मी नै मानतै। जाड़ा में भी गर्मी में भी फैलइत रहतै। इ भाइरस (virus) अमीर गरीब न छुटियबै छै। सबके पकड़लक। दुनिया के प्रत्येक देश में पहुँच गेल हइ आ सबतर जंगल के आगि जिका फ़ैल रहल हइ। दुनिया के इतिहास में जभी से मानव सभ्यता शुरू भेलै तभी से अतेक ज्यादा संख्या में लोग के एक साथ छुवे वाला घटना इ प्रथम हइ। कोइ कुछ न करौक जहिना के तहिना छोड़ि दौक त द्वितीय विश्व युद्ध में जतेक आदमी मरलै ओइ से ज्यादा अइ में मरतै।
(२) सर्दी खाँसी से फ्लु (flu) १० गुना कड़ा। फ्लु (flu) के तुलना में इ कोविद १९ वायरस (Covid-19 virus) के इन्फेक्शन (infection) १० गुना कड़ा। इ अगर सर्दी खाँसी भेलै त बाघ बिलाइ भेलै। इ भाइरस सिर्फ फेफड़ा पर आक्रमण करै छै से बात सही नै छै। फेफड़ा से शुरू भ के सर से पैर तक जाइ छै। नया भाइरस हइ। अभी अध्ययन भ रहल हइ। यकीन के साथ बहुत कुछ नै कहल जा सकइ छै। फोक्सो (lungs) के रास्ता ह्रदय (heart), मृगौला (kidney), करेजा (liver), मगज (brain) सब जगह पहुँच गेल। स्वाद और गंध गायब होबे के मतलब मगज (brain) पर क्षति। पैर के औंठा तक पहुँच जाइ छै। चमड़ी पर लाल दाग सब दिखे लागल। वैज्ञानिक सब कहि रहल हइ अइसन भाइरस कहियो देखले ही न रहलियैय।
(३) प्रत्येक रोज २ बेर बाफ सुन्घुं। दिनमें ३-४ बेर गरम पानी पिउ। सर्दी खाँसी अगर होबे लगे त दिन में ४ से ६ बेर बाफ सुन्घुं।
(४) अभी कुछ साल जेना पैंट पहनै छै तेना रोज मास्क पहनु। बिना मास्क पहिन के घर से न निकलू। मास्क नरहे त रुमाल अथवा गमछा से भी काम चलतै। बिना मास्क पहिन चलि रहल आदमी नंगा चलि रहल हइ।
(५) केकरो से हाथ न मिलबे के। अलगे से नमस्कार क लेबे के। दिन में ३-४ बार रगड़ि रगड़ि के साबुन पानी से हाथ धोवे के। हाथ से चेहरा बिलकुल न छुवे के।
(६) घर से बाहर भीड़भाड़ से बिलकुल दुर रहे के। प्रत्येक आदमी से ६ से १० फ़ीट दुरे रहे के। जहाँ तक संभव हो सके घर के भितर रहे के। अभी एक मात्र "दबाइ" यहे हइ।
(७) प्रत्येक दिन एक घंटा पसीना आबे किसिम से कसरत क के अपन शरीर को प्रतिरोधात्मक क्षमता (immune system) के मजबुत करे के। चुँकि कोनो भी व्यक्ति के इन्फेक्ट (infect) होबे के संभावना बहुत ज्यादा हइ तै लेल इन्फेक्ट (infect) होबे से पहले अपना शरीर के प्रतिरोधात्मक क्षमता (immune system) के सकभर मजबुत क लेबे में फायदा हइ। कसरत अपना शरीर मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति खुद डिज़ाइन (design) क सकइ छै। शरीर के कोनो भी अंग जेना कि गोर हाथ एक बेर चललकइ त उ मूवमेंट (movement) भेलै। आ वहे मूवमेंट (movement) के १०-२० बेर रिपीट (repeat) क देलकै त उ कसरत भ गेलै। औरी से शुरू कयल जा सकइ छै।
(८) अदुवा लसुन को सेवन बढ़ावे के चाहि। आदि के चाय पिए में फायदा हइ। हर्दी मिला के।
(९) सर्दी खाँसी बुखार होइते अपना आप के अकेला क लेबे के चाहि। ओइ तीन लक्षण के अलाबे साँस प्रश्वाँस में कठिनाइ, स्वाद और गंध के क्षमता ख़तम हो जाना, शरीर भरि दर्द सब थपा जाए त बहुत संभावना हइ कि उ कोविद १९ इन्फेक्शन (Covid-19 infection) हइ। डाक्टरी सेवा अस्पताल के सेवा के लेल प्रयास शुरू क दु। ढिलाइ करे में फायदा नै छै। लेकिन बगैर सर्दी खाँसी बुखार के लक्षण के भी कोविद १९ इन्फेक्शन (Covid-19 infection) भ सकइ छै। कियक त इ फेफड़ा तक सीमित रोग नै भेलै। कतेक के सीधे मुटु फेल भ गेल शुरुवे में।
(१०) मोटामोटी देखल गेल हइ जतेक लोग इन्फेक्ट (infect) भेल तै में ८०% के अस्पताल नै जाए पड़ै छै। २०% बीमार पड़ल। ५% अस्पताल पहुँचल। १% के मृत्यु भेल। मोटामोटी। लेकिन जे अस्पताल नहियो गेल लेकिन इन्फेक्ट (infect) भेल रहल त दोसर के पटबैत चलि गेल। आदमी देखे में पुर्ण रूप से स्वस्थ हबे लेकिन इन्फेक्ट (infect) भ चुकल हबे आ संपर्क में आवल लोग सब के पटबैत जा रहल हबे। लेकिन ज्यादा उम्र के लोग जेकरा मुटु रोग अथवा डायबिटीज अथवा वइसने रोग सब होबे त मृत्य के संभावना बढ़ि के १०% पहुँच जाइ छै। मोटापा (obesity) से भी मृत्यु के संभावना बढ़ि जाइ छै। इन्फेक्ट (infect) होबे से पहले ही अपन अपन वजन सही क लु सब कोइ। कोनो भी आदमी के मुट्ठी जतेक ब के होइ छै ओकर पेट ओतबे टाके होइ छै। एक बेर में ओतबे खाउ। हप्ता में एक बेर २४ घंटा फास्टिंग क लु। लेकिन जे नहियो मरल ओकरा बहुत ज्यादा दर्द भेल। जइसन दर्द कहियो भेले न रहल होइ। जे अस्पताल से लौटियो के आइल ओकरा लम्बा समय तक फेफड़ा मृगौला आदि के कम्प्लीकेशन (complication) होबे के संभावना रहल। शिकायत छित्ते रहल।
(११) घर के भितर रहि रहल प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक परिवार सारा समाज के बचाव करि रहल हइ। कोइ भुखले नै रहे के चाहि। इ अभी सब कोइ के अपन अपन मानवता प्रदर्शन करे के समय छै। सब कोइ के प्रयास रहे के चाहि कि अइ महामारी के भुखमरी नै बने दि। सरकार सब के विशेष प्रयास करे के चाहि। विकास बजेट से जते निकाले पड़े। लोग सब के खाना खिलाउ। घर घर खाद्य सामग्री पुगाउ।
(१२) अतेक सन्देश अपना चिन्हा परिचय के प्रत्येक आदमी तक बार बार पुगाउ। अभी तक अधिकांश लोग अइ के गंभीरतापुर्वक नै ले रहल हइ। सीरिया में युद्ध १० साल से भ रहल हइ टीबी पर देख रहल हइ लेकिन ओइ से अपना कोनो असर नै पड़तै तै किसिम से लोग अइ महामारी के भी ले रहल हइ। जब तक आहाँ के चिनजान के सर्कल में एगो दुगो लाश गिरतै तब तक बहुत देर भ गेल रहत। अभीये सचेत भ जाउ। आ सबके सचेत करू।
(१३) एक समय अतै जभी नेपाल भारत में बहुत डॉक्टर नर्स सब के कोविद १९ वायरस (Covid-19 virus) के बिरामी सब के उपचार करे के पड़तै। स्वास्थ्यकर्मी सबके PPE (Personal Protective Equipment) चाहबे करि। साधारण सर्जिकल मास्क (surgical mask) से नै काम चलतै। N95 मास्क चाहि। सिर्फ नाक मुँह ढकला से नै काम चलतै। आँख भी गॉगल अथवा चश्मा से झाँपे के पड़तै। शरीर के विंडब्रेकर (windbreaker) अथवा रेनकोट (raincoat) से ढके के पड़तै और रोज साफ करे के पड़तै। रबर के पंजा चाहि हाथ में। सर भी कोनो किसिमके प्लास्टिक से ढके के पड़तै। इ विश्व युद्ध जिका भेलै। डॉक्टर नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी सब अपना सब कोइ के सैनिक भेलै। धन्यवाद कहियौ। उ सब अपना सब के लेल जोखिम झेल के काम पर छै। अपना सब के कर्तव्य बनै छै हुनका सब के लेल घर बैठियौ।
(१४) सामाजिक दुरी (social distancing) के अइ समय में अपन और अपना नजदिक के सब लोग के मानसिक स्वास्थ्य के विशेष ख्याल करियौ। अपना चिनजान के लोग सब से बराबर संपर्क में रहु। लेकिन सोशल डिस्टन्सिंग (social distancing) और लॉकडाउन (lockdown) से महामारी रुकतै से कोइ न कहि रहल हइ। सिर्फ ओइ से स्पीड (speed) कम होतइ। सब कोइ यकायक एक्के दु महिना के भितर इन्फेक्ट (infect) होतइ त डॉक्टर नर्स स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल सब के लेल काबु बेकाबु भ जतै सिर्फ तै लेल सोशल डिस्टन्सिंग (social distancing) और लॉकडाउन (lockdown) सब भ रहल हइ। दु महिना में न धीरे धीरे १२ चाहे २४ महिना में होतइ त शायद हम सब संहाइर लेबै से कहनाम। अर्थात Flattening The Curve.
(१५) आर्थिक क्षति त होतइ। स्वाभाविक बात छै। लेकिन अभी दु साल सिर्फ जिन्दा रहे के लक्ष राखु। जान बची लाखो पाये। अभी ओतबे बहुत भेल। बल्कि परिवार जोड़े बितबे के लेल अइलफ़ैल से समय मिलल तै बात से खुश रहु। आध्यात्मिक गतिविधि बढाउ।
(१) यो महामारी हो। १०० वर्ष अगाडि यस्तै भएथ्यो। सन १९१८ देखि १९२२ सम्म स्पेनिश फ्लु (Spanish Flu)। नाम मात्र स्पेनिश फ्लु (Spanish Flu) तर शुरू भएको अमेरिका बाट। त्यति बेला विश्व जनसंख्या को एक तिहाई इन्फेक्ट (infect) भएको र ५ देखि १० करोड़ को मृत्यु भएको अनुमान गरिन्छ। अहिले यो लगातार दुई वर्ष चल्छ र कमसेकम विश्व जनसंख्या को दुई तिहाई लाई इन्फेक्ट (infect) गर्छ भन्ने अनुमान छ। वैक्सीन (vaccine) नआएसम्म कोही पनि सुरक्षित छैन। वैक्सीन (vaccine) आउन कमसेकम डेढ़ वर्ष लाग्छ। डेढ़ वर्ष भित्र न आउन पनि सक्छ। यो भन्दा पहिला को रेकॉर्ड (record) ५ वर्ष हो। गर्मी जाड़ो केही मान्दैन यस वायरस (virus) ले। अमीर गरीब छुट्याउँदैन। प्रत्येक देशमा पुगिसक्यो। विश्व इतिहासमा मानव सभ्यता शुरू भए देखि नै यति धेरै मान्छे लाई एकै पटक छोएको यति ठुलो घटना भएको यो पहिलो हो। कसैले केही पनि नगरे द्वितीय विश्व युद्ध मा भन्दा बढ़ी मान्छे मर्छ यसमा।
(२) रुघा खोकी भन्दा फ्लु (flu) १० गुना कड़ा। फ्लु (flu) भन्दा यो कोविद १९ वायरस (Covid-19 virus) को इन्फेक्शन (infection) १० गुना कड़ा। यो रुघा खोकी हो भने बाघ बिरालो हो। यस भाइरस ले फोक्सो (lungs) मा मात्र आक्रमण गर्छ भन्ने कुरा सही होइन। फोक्सो (lungs) बाट शुरू हुन्छ अनि टाउको देखि पैताला सम्म पुग्छ। नया भाइरस हो। यकीन का साथ यो त्यो भनिसक्ने अवस्था आइसकेको छैन। फोक्सो (lungs) को बाटो मुटु (heart), मृगौला (kidney), कलेजो (liver), मगज (brain) सबै तिर पुग्छ। स्वाद र गंध हराउनु भनेको त्यो मगज (brain)मा क्षति पुगेर न हो। खुट्टा को औंठा मा पुग्छ। छाला मा रातो दाग हरु देखिन थाल्छ। यस्तो भाइरस हामीले पहिला कहिले देखेकै थिएन भन्दैछन वैज्ञानिक हरु।
(३) प्रत्येक दिन २ पटक बाफ सुंघौ। दिनमा ३-४ पटक तातो पानी खाऔ। रुघा खोकी ज्वरो को लक्षण देखिना साथ दिनको ४-६ पटक बाफ सुँघ्नु पर्छ।
(४) पैंट लगाए जस्तै मास्क लगाऔ केही बर्ष। मास्क नलगाएर हिडेको मान्छे नाङ्गो हिडेको हो। मास्क छैन भने रुमाल अथवा गमछा ले पनि काम चल्छ।
(५) हाथ नमिलाऔ, नमस्कार गरौं। दिनमा ३-४ पटक साबुन पानी ले कमसेकम आधा मिनट रगड़ि रगड़ि हाथ धोऔ। हाथ ले अनुहार न छोऔ।
(६) ह्रदय नजिक तर शरीर ६ फ़ीट टाढा। सकेसम्म घर भित्र बसौं। अहिले एक मात्र "औषधि" यो नै हो।
(७) दैनिक एक घंटा पसीना आउने गरी कसरत गरौं र इम्यून सिस्टम (immune system) मजबुत बनाऔ। इन्फेक्ट (infect) हुनु अगाडि इम्यून सिस्टम (immune system) सकेसम्म मजबुत बनाएको राम्रो। कसरत भनेको आफ्नो शरीर हेरी हेरी आफै डिज़ाइन (design) गर्ने हो। शरीर को कुनै अंग जस्तै हात खुट्टा एक पटक चलायो त्यो मूवमेंट (movement) भयो। त्यही मूवमेंट (movement) १०-२० पटक रिपीट (repeat) गर्यो त्यो कसरत भयो। औला चलाएर शुरू गर्न सकिन्छ।
(८) अदुवा लसुन को सेवन बढ़ाऔ। अदुवा को चिया (बेसार का साथ), ग्रीन टी को सेवन गरौं।
(९) रुघा खोकी ज्वरो आउना साथ आफुलाई आइसोलेट (isolate) गरौ। यदि त्यसमा लक्षण हरु थपिएर साँस लिन गारहो, स्वाद र गंध हराउने सम्म पुग्यो भने त्यो कोविद १९ इन्फेक्शन (Covid-19 infection) नै हो भन्ने मान्दा हुन्छ। औपचारिक उपचार को खोजी गरौं। ढिलो नगरौं। रुघा खोकी ज्वरो नै पहिलो लक्षण हुनु जरूरी छैन। यो फोक्सो मा सीमित रहने रोग होइन।
(१०) मोटामोटी इन्फेक्ट (infect) भएका मध्ये ८०% अस्पताल जानु पर्दैन तर तिनले अरुलाई रोग सारिरहेको हुन्छ। २०% बिरामी हुन्छ। ५% लाई औपचारिक उपचार को जरुरत पर्छ। १% को मृत्यु हुन्छ। तर उमेर ढलेको र मुटु रोग डायबिटीज आदि भएको समुह मा मृत्यु दर १०% हो। मोटापा (obesity) भएको मान्छे लाई यस वायरस (virus) ले बढ़ी प्रभावित गर्ने गरेको देखिएको छ। समय छँदै आफ्नो वजन सही बनाऔ। आफ्नो मुठी जत्रो हुन्छ पेट त्यत्रो नै हुन्छ। एक पटक मा त्यति मात्र खाऔ। तर नमर्ने ले पनि असाध्यै कड़ा पीड़ा भोग्नु पर्ने हुन्छ। अस्पताल बाट फिर्ता आउने हरूमा पनि लामो समय सम्म फोक्सो, मृगौला आदिको कम्प्लीकेशन (complication) भइरहने हुन सक्छ।
(११) घर बसेको प्रय्तेक व्यक्ति र परिवार ले सारा समाज लाई जोगाएको हो। कोही पनि भोकै बस्न नपरोस। आफ्नो मानवता प्रदर्शन गरौँ। महामारी लाई भुखमरी बन्न दिनु हुँदैन। नेपाल भारतमा सरकार ले विकास बजेट बाट जति सुकै झिक्नु परे पनि झिकेर घर घर खाद्य सामग्री पुर्याउनु पर्छ।
(१२) यति सन्देश आफुले चिनेको प्रत्येक व्यक्ति सम्म पटक पटक पुर्याऔ। अहिले पनि अधिकांश मानिस ले सीरिया को युद्ध टीवी मा देखेको तर आफुलाई न छोएको जस्तो लि राख्या छन। आफुले चिनेको कोही मान्छे मर्ने बेला सम्म पर्खिनु हुँदैन। त्यति बेला सम्म ढिलो भइसकेको हुन्छ।
(१३) कोविद १९ वायरस (Covid-19 virus) को बिरामी हरु उपचार गर्ने स्वास्थ्य कर्मी हरुले PPE (Personal Protective Equipment) को प्रयोग गर्नै पर्छ। साधारण सर्जिकल मास्क (surgical mask) ले हुँदैन। N95 मास्क नै चाहिन्छ। नाक मुख मात्र छोपेर पुग्दैन। आँखा पनि चश्मा अथवा गॉगल लगाउनु पर्छ। विंडब्रेकर (windbreaker) अथवा रेनकोट (raincoat) ले शरीर छोप्नु पर्छ र प्रत्येक दिन सफा गर्नु पर्छ। रबर को पंजा लगाउनु पर्छ। टाउको पनि कुनै प्लास्टिक ले छोप्नु पर्छ। यो विश्व युद्ध जस्तो हो। डॉक्टर, नर्स र अन्य स्वास्थ्यकर्मी हाम्रा सैनिक हुन। तिनलाई धन्यवाद भनौँ। ती हाम्रा लागि काम मा छन। हामी तिनका लागि घर बस्न सक्नु पर्छ।
(१४) सामाजिक दुरी (social distancing) को समयमा आफ्नो र अरुको मानसिक स्वास्थ्य को विशेष ख्याल गरौं। आफ्ना चिनजान का मानिस सँग बराबर संपर्क मा रहौं। तर सोशल डिस्टन्सिंग (social distancing) र लॉकडाउन (lockdown) से महामारी रोकिन्छ भनेर कसैले दाबी गरिरहेको छैन। मात्र त्यसले स्पीड (speed) घटने हो। सबै जना एक्कै पटक एक दुइ महिना भित्र इन्फेक्ट (infect) भएमा डॉक्टर नर्स स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल सबै का लागि काबु बेकाबु हुन्छ, मात्र त्यति का लागि सोशल डिस्टन्सिंग (social distancing) र लॉकडाउन (lockdown) भइ राखेको हो। दुइ महिना मा नभएर विस्तारै विस्तारै १२ अथवा २४ महिना लगायर हुन्छ भने हामी सम्हाल्न सक्छौं शायद भन्ने कथन मात्र हो। अर्थात Flattening The Curve.
(१५) आर्थिक क्षति त हुन्छ। तर अहिले दुई वर्ष जिउँदो मात्र रहने महत्वाकांक्षा राखौं। त्यति प्रयाप्त हो। बरु परिवारका लागि समय टन्न पाएकोमा दंग परौं। आध्यात्मिक गतिविधि बढ़ाऔ।
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कोरोना वायरस महामारी २०२०
(१) इ महामारी हइ। १०० साल पहले अइसने भेल रहइ। अभी इस्वी सम्वत २०२० चलि रहल हइ। सन १९१८ से १९२२ तक चारि साल स्पेनिश फ्लु (Spanish Flu) के महामारी चलल रहइ। नाम मात्र स्पेनिश फ्लु (Spanish Flu) लेकिन शुरू भेल रहइ अमेरिका से। तै चारि साल विश्व जनसंख्या के एक तिहाइ लोग इन्फेक्ट (infect) भेल रहइ आ ५ करोड़ से १० करोड़ के बीच लोग मरल रहइ से अनुमान कयल जाइ छै। अभी जब तक वैक्सीन (vaccine) न अबै छै तभी तक कोइ सुरक्षित न हइ। वैक्सीन (vaccine) आबे में कमसेकम डेढ़ साल लगतै। डेढ़ साल के भितर न भी आ सकइ छै। अइ से पहले सबसे जल्दी में जे वैक्सीन (vaccine) आइल रहइ ओकरा आबे में ५ साल लागल रहइ। इ भाइरस (virus) जाड़ा आ गर्मी नै मानतै। जाड़ा में भी गर्मी में भी फैलइत रहतै। इ भाइरस (virus) अमीर गरीब न छुटियबै छै। सबके पकड़लक। दुनिया के प्रत्येक देश में पहुँच गेल हइ आ सबतर जंगल के आगि जिका फ़ैल रहल हइ। दुनिया के इतिहास में जभी से मानव सभ्यता शुरू भेलै तभी से अतेक ज्यादा संख्या में लोग के एक साथ छुवे वाला घटना इ प्रथम हइ। कोइ कुछ न करौक जहिना के तहिना छोड़ि दौक त द्वितीय विश्व युद्ध में जतेक आदमी मरलै ओइ से ज्यादा अइ में मरतै।
(२) सर्दी खाँसी से फ्लु (flu) १० गुना कड़ा। फ्लु (flu) के तुलना में इ कोविद १९ वायरस (Covid-19 virus) के इन्फेक्शन (infection) १० गुना कड़ा। इ अगर सर्दी खाँसी भेलै त बाघ बिलाइ भेलै। इ भाइरस सिर्फ फेफड़ा पर आक्रमण करै छै से बात सही नै छै। फेफड़ा से शुरू भ के सर से पैर तक जाइ छै। नया भाइरस हइ। अभी अध्ययन भ रहल हइ। यकीन के साथ बहुत कुछ नै कहल जा सकइ छै। फोक्सो (lungs) के रास्ता ह्रदय (heart), मृगौला (kidney), करेजा (liver), मगज (brain) सब जगह पहुँच गेल। स्वाद और गंध गायब होबे के मतलब मगज (brain) पर क्षति। पैर के औंठा तक पहुँच जाइ छै। चमड़ी पर लाल दाग सब दिखे लागल। वैज्ञानिक सब कहि रहल हइ अइसन भाइरस कहियो देखले ही न रहलियैय।
(३) प्रत्येक रोज २ बेर बाफ सुन्घुं। दिनमें ३-४ बेर गरम पानी पिउ। सर्दी खाँसी अगर होबे लगे त दिन में ४ से ६ बेर बाफ सुन्घुं।
(४) अभी कुछ साल जेना पैंट पहनै छै तेना रोज मास्क पहनु। बिना मास्क पहिन के घर से न निकलू। मास्क नरहे त रुमाल अथवा गमछा से भी काम चलतै। बिना मास्क पहिन चलि रहल आदमी नंगा चलि रहल हइ।
(५) केकरो से हाथ न मिलबे के। अलगे से नमस्कार क लेबे के। दिन में ३-४ बार रगड़ि रगड़ि के साबुन पानी से हाथ धोवे के। हाथ से चेहरा बिलकुल न छुवे के।
(६) घर से बाहर भीड़भाड़ से बिलकुल दुर रहे के। प्रत्येक आदमी से ६ से १० फ़ीट दुरे रहे के। जहाँ तक संभव हो सके घर के भितर रहे के। अभी एक मात्र "दबाइ" यहे हइ।
(७) प्रत्येक दिन एक घंटा पसीना आबे किसिम से कसरत क के अपन शरीर को प्रतिरोधात्मक क्षमता (immune system) के मजबुत करे के। चुँकि कोनो भी व्यक्ति के इन्फेक्ट (infect) होबे के संभावना बहुत ज्यादा हइ तै लेल इन्फेक्ट (infect) होबे से पहले अपना शरीर के प्रतिरोधात्मक क्षमता (immune system) के सकभर मजबुत क लेबे में फायदा हइ। कसरत अपना शरीर मुताबिक प्रत्येक व्यक्ति खुद डिज़ाइन (design) क सकइ छै। शरीर के कोनो भी अंग जेना कि गोर हाथ एक बेर चललकइ त उ मूवमेंट (movement) भेलै। आ वहे मूवमेंट (movement) के १०-२० बेर रिपीट (repeat) क देलकै त उ कसरत भ गेलै। औरी से शुरू कयल जा सकइ छै।
(८) अदुवा लसुन को सेवन बढ़ावे के चाहि। आदि के चाय पिए में फायदा हइ। हर्दी मिला के।
(९) सर्दी खाँसी बुखार होइते अपना आप के अकेला क लेबे के चाहि। ओइ तीन लक्षण के अलाबे साँस प्रश्वाँस में कठिनाइ, स्वाद और गंध के क्षमता ख़तम हो जाना, शरीर भरि दर्द सब थपा जाए त बहुत संभावना हइ कि उ कोविद १९ इन्फेक्शन (Covid-19 infection) हइ। डाक्टरी सेवा अस्पताल के सेवा के लेल प्रयास शुरू क दु। ढिलाइ करे में फायदा नै छै। लेकिन बगैर सर्दी खाँसी बुखार के लक्षण के भी कोविद १९ इन्फेक्शन (Covid-19 infection) भ सकइ छै। कियक त इ फेफड़ा तक सीमित रोग नै भेलै। कतेक के सीधे मुटु फेल भ गेल शुरुवे में।
(१०) मोटामोटी देखल गेल हइ जतेक लोग इन्फेक्ट (infect) भेल तै में ८०% के अस्पताल नै जाए पड़ै छै। २०% बीमार पड़ल। ५% अस्पताल पहुँचल। १% के मृत्यु भेल। मोटामोटी। लेकिन जे अस्पताल नहियो गेल लेकिन इन्फेक्ट (infect) भेल रहल त दोसर के पटबैत चलि गेल। आदमी देखे में पुर्ण रूप से स्वस्थ हबे लेकिन इन्फेक्ट (infect) भ चुकल हबे आ संपर्क में आवल लोग सब के पटबैत जा रहल हबे। लेकिन ज्यादा उम्र के लोग जेकरा मुटु रोग अथवा डायबिटीज अथवा वइसने रोग सब होबे त मृत्य के संभावना बढ़ि के १०% पहुँच जाइ छै। मोटापा (obesity) से भी मृत्यु के संभावना बढ़ि जाइ छै। इन्फेक्ट (infect) होबे से पहले ही अपन अपन वजन सही क लु सब कोइ। कोनो भी आदमी के मुट्ठी जतेक ब के होइ छै ओकर पेट ओतबे टाके होइ छै। एक बेर में ओतबे खाउ। हप्ता में एक बेर २४ घंटा फास्टिंग क लु। लेकिन जे नहियो मरल ओकरा बहुत ज्यादा दर्द भेल। जइसन दर्द कहियो भेले न रहल होइ। जे अस्पताल से लौटियो के आइल ओकरा लम्बा समय तक फेफड़ा मृगौला आदि के कम्प्लीकेशन (complication) होबे के संभावना रहल। शिकायत छित्ते रहल।
(११) घर के भितर रहि रहल प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक परिवार सारा समाज के बचाव करि रहल हइ। कोइ भुखले नै रहे के चाहि। इ अभी सब कोइ के अपन अपन मानवता प्रदर्शन करे के समय छै। सब कोइ के प्रयास रहे के चाहि कि अइ महामारी के भुखमरी नै बने दि। सरकार सब के विशेष प्रयास करे के चाहि। विकास बजेट से जते निकाले पड़े। लोग सब के खाना खिलाउ। घर घर खाद्य सामग्री पुगाउ।
(१२) अतेक सन्देश अपना चिन्हा परिचय के प्रत्येक आदमी तक बार बार पुगाउ। अभी तक अधिकांश लोग अइ के गंभीरतापुर्वक नै ले रहल हइ। सीरिया में युद्ध १० साल से भ रहल हइ टीबी पर देख रहल हइ लेकिन ओइ से अपना कोनो असर नै पड़तै तै किसिम से लोग अइ महामारी के भी ले रहल हइ। जब तक आहाँ के चिनजान के सर्कल में एगो दुगो लाश गिरतै तब तक बहुत देर भ गेल रहत। अभीये सचेत भ जाउ। आ सबके सचेत करू।
(१३) एक समय अतै जभी नेपाल भारत में बहुत डॉक्टर नर्स सब के कोविद १९ वायरस (Covid-19 virus) के बिरामी सब के उपचार करे के पड़तै। स्वास्थ्यकर्मी सबके PPE (Personal Protective Equipment) चाहबे करि। साधारण सर्जिकल मास्क (surgical mask) से नै काम चलतै। N95 मास्क चाहि। सिर्फ नाक मुँह ढकला से नै काम चलतै। आँख भी गॉगल अथवा चश्मा से झाँपे के पड़तै। शरीर के विंडब्रेकर (windbreaker) अथवा रेनकोट (raincoat) से ढके के पड़तै और रोज साफ करे के पड़तै। रबर के पंजा चाहि हाथ में। सर भी कोनो किसिमके प्लास्टिक से ढके के पड़तै। इ विश्व युद्ध जिका भेलै। डॉक्टर नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी सब अपना सब कोइ के सैनिक भेलै। धन्यवाद कहियौ। उ सब अपना सब के लेल जोखिम झेल के काम पर छै। अपना सब के कर्तव्य बनै छै हुनका सब के लेल घर बैठियौ।
(१४) सामाजिक दुरी (social distancing) के अइ समय में अपन और अपना नजदिक के सब लोग के मानसिक स्वास्थ्य के विशेष ख्याल करियौ। अपना चिनजान के लोग सब से बराबर संपर्क में रहु। लेकिन सोशल डिस्टन्सिंग (social distancing) और लॉकडाउन (lockdown) से महामारी रुकतै से कोइ न कहि रहल हइ। सिर्फ ओइ से स्पीड (speed) कम होतइ। सब कोइ यकायक एक्के दु महिना के भितर इन्फेक्ट (infect) होतइ त डॉक्टर नर्स स्वास्थ्यकर्मी अस्पताल सब के लेल काबु बेकाबु भ जतै सिर्फ तै लेल सोशल डिस्टन्सिंग (social distancing) और लॉकडाउन (lockdown) सब भ रहल हइ। दु महिना में न धीरे धीरे १२ चाहे २४ महिना में होतइ त शायद हम सब संहाइर लेबै से कहनाम। अर्थात Flattening The Curve.
(१५) आर्थिक क्षति त होतइ। स्वाभाविक बात छै। लेकिन अभी दु साल सिर्फ जिन्दा रहे के लक्ष राखु। जान बची लाखो पाये। अभी ओतबे बहुत भेल। बल्कि परिवार जोड़े बितबे के लेल अइलफ़ैल से समय मिलल तै बात से खुश रहु। आध्यात्मिक गतिविधि बढाउ।
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