सबसे जोड़ access to credit पर होना चाहिए। जिसको अमरिका में small business sector कहा जाता है और इंडिया में जिसे informal sector कह के dismiss कर दिया जाता है, भारतके अर्थतन्त्रका सबसे महत्वपुर्ण हिस्सा वही तो है। Job creation होगा तो उसी सेक्टर में होगा नहीं तो नहीं।
आधार revolutionary चीज है। Biometric ID से रास्ते खुलते हैं। विश्वके प्रत्येक व्यक्ति तक इसे पहुँचाना होगा। छोटेमोटे प्रत्येक बिजनेसकी रजिस्ट्रेशन उतना ही आसान कर दो। प्रत्येक चायवाला लोन ले सके ऐसा कर दो। Job creation आप हो जाएगी। Small business सेक्टर को एक पांच साल का टैक्स holiday ही दे दो। नहीं तो taxman के डर से बिना कारण बहुतों रजिस्ट्रेशन ही ना करबायें। और बगैर रजिस्ट्रेशन के वो बैंकिंग सेक्टर से जुड़ सकते नहीं। Demonetization का एक बड़ा फायदा ये हुवा कि जो बहुत पैसा बैंक में न था वो अब सब बैंकों में जमा हो गया है। मोदी FDI के लिए दर दर भटक रहे थे। पुँजी घर के भितर ही पड़ा था काफी। Now the banks can lend more. उतना ही नहीं बैंको पर प्रेशर बढ़ गया है। लोगों को बिजनेस लोन नहीं देंगे तो कैसे होगा? बैंक में जमा किया गया पैसा ब्याज मांगता है।
New Telecom Policy may ensure Internet access for 1.3 billion Indianshttps://t.co/iKSgnOJxX9— Paramendra Bhagat (@paramendra) September 10, 2017
प्रत्येक गाओं तक गीगाबिट हाई स्पीड इंटरनेट पहुँचाना --- प्रत्येक भारतीय को कॉलेज डिग्री दिलाने का इससे अच्छा इससे सस्ता तरिका क्या हो सकता है? गाओं गाओं में हाई स्पीड इंटरनेट पहुँच गया तो फिर उसके बाद किसी को सरकारी दफ्तर जाना ही क्यों?
प्रत्येक को स्वच्छ पिने का पानी मिल गया तो स्वास्थ्य के हिसाब से एक ट्रिलियन डॉलर का फायदा समझो। वो और सुबह सुबह एक घंटा योग। मैं RSS का कोई बड़ा फैन नहीं हुँ लेकिन अगर उसी बहाने सबके सब सुबह योग करने लगें तो मैं कहुँ सब ज्वाइन कर लो।
प्रत्येक चायवाला को access to credit मिला कि नहीं? उसी प्रश्न के जवाब में मोदी का भविष्य है।
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