भारत में जन हैं १२५ करोड़। सरकारी नौकरी १ करोड़ है भी कि नहीं। कितने हैं? तो १ करोड़ रोटी के लिए १२५ करोड़ लोग मारपीट करते रहोगे या १०० करोड़ नयी रोटी सेकने के तरिके सोचोगे? आरक्षण में दम नहीं। अब Job Creation का मन्त्र पढ़ो। Entrepreneurship का सोंचो। हाँ बल्कि क्रेडिट के लिए लड़ो। क्रेडिट यानि बिजनेस के लिए लोन। बगैर कोलैटरल के लोन मिलने चाहिए। जो वैसा कार्यक्रम लाए उसीको वोट दो। काम हो जाएगा।
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