इस धरती पर तो कुछ नहीं
या अल्लाह, ए भगवान
इस धरती पर तो कुछ नहीं
रणभुमि में मरुभुमि में
सब जगह तु ही तु
कर्म के पथ पर
मैं समा जाऊँ
मैं समाहित हो जाऊँ
ये काम जो करना है
तेरे को समर्पित
मैं उस धरती पे
जिस धरती पर तो कुछ नहीं
दे ताकत
रणभुमि पर मैं कुद परुँ
बिगुल की आवाज
सुनाइ दे रही मुझे
तेरी प्रार्थना करते वक्त
मैं रोया था
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