Indian actor Shah Rukh Khan, arrival for press conference of "Om Shanti Om" at the Hyatt Hotel, Potsdamer Platz, Berlin (Photo credit: Wikipedia) |
English: Indian actor Shahrukh Khan, arrival for press conference of "Om Shanti Om" at the Hyatt Hotel, Potsdamer Platz, Berlin (Photo credit: Wikipedia) |
भारत विश्व शक्ति बनने का तरिका है (१) अर्थतंत्र मजबुत करो (२) लोकतंत्र मजबुत करो। Hindu unity का तरिका है caste system ख़त्म करो। आप भारत के अर्थतंत्र कमजोर करने का काम करो, लोकतंत्र को कमजोर करने का काम करो, Hindu unity पर अटैक करो ---- तो चाहे आप मुँह से जो कहो लेकिन आपका व्यवहार कह रहा है आप भारत को विश्व शक्ति नहीं बनने देना चाहते।
कोइ किससे शादी करेगा -- ये तो उनका प्राइवेट मामला है। शाहरुख़ और गौरी की शादी दुनिया में एक मिशाल है। दुनिया भर में लोग कहते हैं, देखो भारत में हिन्दु और मुस्लिम एक ही घर में। उससे समाज और देश मजबुत होता है। Shahrukh Khan (Bad Shah --- यानि कि नटखट शाह --- badass जो कहते हैं अंग्रेजी में, हिंदी में शायद बिंदास कहते हैं) is a brand ambassador of India.
लव वापसी, घर जिहाद और पहले आप पहले आप। शाहरुख़ ने १०० फिल्में बनाई -- आप ने क्या बनाई?
सब न्युज मैं पढ़ नहीं पाता हुँ --- स्वाभाविक है। जैसे कि beef के बारे में मैंने नहीं पढ़ी है, एक दो हेडलाइंस पढ़ी है। Beef हिन्दु नहीं खाते --- वो समझने की बात है। लेकिन beef तो रिश्वत नहीं की आप कहो खुद भी नहीं खाउंगा और तुझे भी खाने नहीं दुँगा। Freedom of religion is like free speech --- उसके बगैर लोकतंत्र का कल्पना नहीं किया जा सकता। मेरे राज्य में, मेरे देश में beef मत खाओ कहना धार्मिक नहीं संकीर्ण विचारधारा है। वो तो ऐसा हुवा कि आप किसी मुसलमान को कह रहे हो, कुरान मत पढ़ो। इसाई को कह रहे हो, बाइबल मत पढ़ो। वो आप कहने वाले कौन होते हैं?A democracy is, by definition, tolerant. भारतका शक्ति ही भारत का लोकतंत्र है।
कोइ धर्म परिवर्तन करें वो उनकी इच्छा। कोइ मोदीकी आलोचना करें --- उनकी इच्छा --- it is covered by free speech.
जैसे कि दीपिका ने कहा, फैक्ट्री के दुध में मलाइ नहीं होती। बगैर Opposition के लोकतंत्र नहीं होती। Democracy को vibrant Opposition की जरुरत होती है।
आम आदमी पार्टी के लोग जब से आपस में झगड़ रहे हैं तब से मैंने उनके बारेमें कोइ समाचार नहीं पढ़ी ---- लेकिन headlines तो unavoidable है। अगर AAP पर BJP वाले unfair procedural attacks कर रहे हैं तो वो लोकतंत्र के हित में नहीं। और उससे उनको बिहार जैसे जगहों में बेफायदा होगा। क्योंकि लोकतंत्र भारत के लोग समझते हैं।
एक दो रोज पहले एक दो headlines और सामने आए। मीडिया वालों को क्या है कि controversy पैदा करनी होती है --- रोजी रोटी का सवाल है, पेपर बेचना होता है। मैंने देखा सुषमा स्वराज और वसुंधरा सिंधिया पर एक ही पंक्ति में अटैक। तो मैंने न्यूज़ पढ़ा ही नहीं। It was obvious the attack was sexist, and it was coming from inside the party as much as outside. Granted India is a sexist country, but a sexist India can not become a world power.
लोकतंत्र मजबुत करना है तो free speech, freedom of religion, vibrant Opposition, women's empowerment -- सबको celebrate करो।
Granted the BJP is a big tent, and there are all kinds of people in it. There are fringe elements who will say anything. But when the tail starts wagging the dog (as in, mainstream politics), one has to take note.
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