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Thursday, September 05, 2024
Nepal Will Lead The World
‘He was in mystic delirium’: was this hermit mathematician a forgotten genius whose ideas could transform AI – or a lonely madman? In isolation, Alexander Grothendieck seemed to have lost touch with reality, but some say his metaphysical theories could contain wonders
Illegal visa network making millions fleecing students
Ilya Sutskever’s startup, Safe Superintelligence, raises $1B
Pennsylvania and Georgia may choose America’s next president
How China extended its repression into an American city Chinese diplomats and pro-China diaspora groups based in the United States organized demonstrations in San Francisco that harassed and silenced protesters opposed to Beijing’s policies, including through violence, during Chinese leader Xi Jinping’s visit to the city in November, a six-month investigation by The Washington Post shows.
US close to agreeing on long-range missiles for Ukraine; delivery to take months
Robot controlled by a king oyster mushroom blends living organisms and machines
Don’t Trust the Election Forecasts The data doesn’t support the obsession with presidential prognostications.
Starlink backtracks, complies with order blocking X in Brazil, says regulator
Thursday, July 04, 2024
युग परिवर्तन के लिए विश्व युद्ध का होना जरूरी नहीं
युग परिवर्तन के लिए विश्व युद्ध का होना जरूरी नहीं
जुलाई ४, २०२४
विश्व में टेंशन उच्च स्तर पर है। और बढ़ती ही चली जा रही है। इस अवस्था में कोइ छोटा खिलाडी ही कोइ हरकत कर दे तो बात बहुत जल्द बहुत बिगड़ जाएगी। इजराइल में कुछ वैसा ही हुवा। कुछ बिद्वान लोग तो कह रहे हैं कि विश्व युद्ध शुरू हो चुका है। द्वितीय विश्व युद्ध भी तो ऐसे ही शुरू हुवा था। वो तो ख़त्म होने के बाद लोगो ने कहा शुरू कब हुवा। लेकिन जब शुरू हुवा तभी तो लोगो को नहीं लगा कि ये विश्व युद्ध है।
ये युद्ध अनावश्यक है। लेकिन रावण और दुर्योधन को कौन समझाए? १०-१५ रावण एक दुसरे से युद्ध करने को उतावले हैं।
दुनिया के बड़े बड़े देश एक दुसरे को कुछ ही घंटो में पाषाण युग (Stone Age) में धकेल देने की ताकत रखते हैं। ऐसे ऐसे हतियार रखे हुवे हैं कि अगर युद्ध हुवा तो कोइ जितेगा नहीं। फिर भी टेंशन घटाने के जगह बढ़ाने पर उतावले हैं।
रूस और अमरिका एक दुसरे के राजधानी के निकटतम जगहों पर आणविक अस्त्र इकठ्ठा कर लिए हैं लेकिन बातचीत तक नहीं हो रही। ऐसी नौबत आ सकती है कि सिर्फ एक दुसरे को डराने के बजाए फर्स्ट स्ट्राइक की सोंच बन जाए किसी एक तरफ। मरता क्या न करता वाली नौबत आ सकती है।
लेकिन जो देश इन देशों में से नहीं हैं वे भी तो बेफिक्र नजर आ रहे हैं। युक्रेन युद्ध शुरू हुवा तो सारी दुनिया को असर पड़ी। गेहुँ का भाव आसमान छुने लगा बहुत देशों में। गेहुँ की बात छोड़िए। अगर बात बिगड़ी तो गेहुँ के जगह पानी का भाव आसमान छुने लगेगा। और वो बात अफ्रिका में नहीं अमरिका में हो सकती है।
युद्ध अगर न भी हो तो ग्लोबल वार्मिंग जिसके लिए अमरिका, युरोप, जापान और चीन जिम्मेदार हैं उसके कारण हिमालय पर्वत के ढेर सारे हिमनदी पिगल कर दक्षिण एशिया में पानी के लिए हाहाकार हो सकती है। और ये दुर भविष्य की बात नहीं। प्रत्येक साल गर्मीं में तापमान के रेकॉर्ड ब्रेक हो रहे हैं।
कोरोना महामारी में न्यु यॉर्क से लोग भागे थे और दशों मील, पचासों मील दुर जहाँ जहाँ कोइ किराए का जगह मिला सब ले लिए थे। लेकिन एक वैसी अवस्था की कल्पना किजिए जब रूस और अमरिका आमने सामने हो गए हो तो रूस का प्रथम प्रयास रहेगा मैनहट्टन पर आणविक आक्रमण। क्योंकि उसका उद्देश्य होगा देश को प्यारलाइज़ करने का सबसे आसान तरिका। उस अवस्था में लोग भागेंगे तो फिर किराए का घर नहीं तलाश करेंगे। लॉ एंड आर्डर बिलकुल ब्रेकडाउन हो चुकी होगी। जबरजस्ती घरों में घुसेंगे। जो बचे वो।
युक्रेन युद्ध शुरू होने के कुछ ही महिनों बाद न्यु यॉर्क शहर में आणविक आक्रमण हो गया तो क्या करे कह के महानगर की स्थानीय सरकार टीवी पर बिज्ञापन देने लग गयी थी। यानि की उस संभावना की बात मैं नहीं कर रहा। पिछले साल ही न्यु यॉर्क की स्थानीय सरकार कर चुकी थी।
भारत एक उभरता हुवा शक्ति राष्ट्र है। तटस्थ है। लेकिन सक्रिय तो भारत भी नहीं। अभी जो जगह व्हाइट हाउस का है पाँच हजार साल पहले धृतराष्ट्र का दरबार वही हुवा करता था। विश्व का शक्ति केंद्र। स्पष्ट संकेत है जिस तरह जापान में सुर्योदय से सुर्यास्त और फिर सुर्योदय होती है उसी तरह दिल्ली फिर विश्व की शक्ति केन्द्र बनने जा रही। युग परिवर्तन होगी। सत्य युग फिर से शुरुवात होनी है। कुछ ही दशक की बात है। वो नयी सत्य युग सारे विश्व के लिए होगी।
उस सत्य युग तक पहुँचने का सबसे अच्छा रास्ता है बगैर युद्ध का। संवाद का रास्ता। आमने सामने बैठ के विचारविमर्श करने का रास्ता। लेकिन संवादहीनता सिर्फ युक्रेन युद्ध को लेकर नहीं। संवादहीनता सिर्फ गाज़ा युद्ध को लेकर नहीं। भारतवर्ष भी तो उसी संवादहीनता की स्थिति में है। भगवान कल्कि को लेकर। भगवान राम की मंदिर तो बना लेते है। और बननी चाहिए। अच्छी बात है। भगवान राम सिर्फ भारत के नहीं, समस्त पृथ्वी के हैं, सारे ब्रह्माण्ड के मालिक हैं। लेकिन भगवान कल्कि धरती पर हैं, आ चुके हैं, उस बात की परवाह नहीं। जो युद्ध के लिए व्यग्र हैं वे भी और जो तटस्थ बैठे हैं वे भी, दोनों विश्व युद्ध का मार्ग ही तो प्रशस्त कर रहे हैं।
Saturday, June 29, 2024
अमिताभ, प्रभास, दिपीका और कमल हसन का कल्कि मुवी
हप्तो से, महिनो से कल्कि २८९८ AD के ट्रेलर देखते आ रहे थे। रिलीज़ के लिए जब फिल्म के प्रमुख कलाकार स्टेज पर इकट्ठे हुवे तो उसका भी वीडियो युट्युब पर देखा। रिलीज़ हो गइ पर देखने कहाँ जाएँ? तो अब तो अमरीका में रेगुलर मुवी थिएटर में ही रिलीज़ हो जाती है फिल्म। ऑनलाइन सर्च किया तो पता चला अल्बुक़र्क़ी में चल रहा है। ऑनलाइन ही टिकट लिया और फिर गाडी में बैठ रवाना हो गए।
सांता फे से अल्बुक़र्क़ी का ड्राइव सीनिक है बहुत ज्यादा। स्पीड लिमिट ७५ माइल है लेकिन ८० चलाओ तो भी लोग बराबर ओवरटेक करते रहते हैं। लौटते बख्त बारीश हो गइ तो ७० पर आ गए। एक बार तो थोड़ा और कम कर दिया।
ये पहाड़ी इलाका भी है और मरुभुमि भी। बारीश हो गइ, बड़ी बात हो गयी। जिसके घर में किराए पर कमरा लिया है वो कह रहा था देखो यहाँ घर के सामने घाँस हुवा करते थे। कुछ सालो से सुखा पड़ा हुवा है।
असली कल्कि फिल्म तो शाहरुख़ खान का जवान है। ये मेरे को महिनों से मालुम था। मेरे को ये बात खुद भगवान कल्कि ने कहा। सिर्फ मेरे को ही नहीं सबको कहा। अपने फेसबुक स्टेटस में लिखा। हाँ, वे आ चुके हैं। लेकिन ये बात खुद शाहरुख़ खान को नहीं पता। फिल्म के निर्देशक एटली को नहीं पता। ईश्वर आप के मार्फ़त अपना काम कर सकते हैं, अपना सन्देश दे सकते हैं और आप को पता तक न चले। उस बात का प्रमाण है जवान फिल्म।
शाहरुख़ की तरह मैं भी अमिताभ बच्चन का जबरदस्त फैन रहा हुँ। सारी जिन्दगी। मेरे कागजात पर जो जन्मदिन है वो मेरा नहीं, अमिताभ का है। जब स्कुल भेजना हुवा तो कागज पर जन्मदिन लिखना होता है। मेरे पिता जी ने लिखा। लेकिन मेरा नहीं अमिताभ का। शायद उन्हें लगा होगा ये लड़का तो बड़ा जबरजस्त फैन निकला। लेकिन वो बात मेरे को दश साल पता नहीं चला। एक बार गौर किया तो लगा, अरे ये तो अमिताभ बच्चन का जन्मदिन है। तो जब लोग मेरे को जन्मदिन मुबारक बोलते हैं सोशल मीडिया पर तो मैं जवाब में लिख देता हुँ, अमिताभ बच्चन को जन्मदिन मुबारक। मैं हाई स्कुल में अमिताभ का बाल नकल किया करता था। सर्च करो वो पिक्चर इंटरनेट पर मिल जाएंगे। ब्लैक एंड वाइट में है। स्टुडिओ जाना पड़ता था फोटो खिंचाने।
बहुत अच्छा काम किया है अमिताभ ने फिल्म में। उनकी ब्लैक फिल्म याद आ गयी।
कल्कि २८९८ में नहीं आएंगे। वे आ चुके हैं। फिर भी मैं पिक्चर देखने गया। फिल्म कला है। कलाकार को छुट है अपनी कल्पना शक्ति को उँची उड़ान दें।
भगवान कल्कि के बारे में भविष्यवाणी है। और सिर्फ किसी एक धर्म ग्रन्थ में नहीं। सिर्फ किसी एक धर्म में नहीं। दुनिया के प्रत्येक देश के प्रत्येक चर्च में प्रत्येक रविवार को एक प्रार्थना लोग करते ही करते हैं। कि हे ईश्वर धरती पर आ जा और धरती का राजा बन शासन कर। वो शासन करेंगे। और उस नए युग का अर्थतंत्र कैसा रहेगा उसे कल्किवादी घोषणापत्र में लिख कर बाजार में रख दिए हुवे हैं।
इस कल्कि फिल्म में मैड मैक्स भी देखने को मिलता है और थोड़ा स्टार वार्स भी। साई-फाई फिल्म बनाने का प्रयास हुवा है। निर्देशक सोंचे होंगे अभी को ७०० साल बाद टेक्नोलॉजी बहुत फर्क होगा। लेकिन जवान फिल्म में न कोइ मैड मैक्स है न कोइ स्टार वार्स।
लेकिन हाँ, ये पिक्चर भगवान कल्कि के बारे किए गए कुछ प्रमुख भविष्यवाणियों के तरफ स्पष्ट संकेत जरूर करती है। जैसे कि शम्भाला। वो शम्भल है। कहा गया है भगवान कल्कि शम्भल में पैदा होंगे। पैदा हो चुके हैं। शम्भल कोइ गाओं या शहर नहीं, पुरा का पुरा देश है। कौन हिमाली देश है आज जिसका नाम शम्भल से मिलता जुलता है? स्पष्ट है वो पाकिस्तान नहीं। वो भुटान नहीं। वो भारत नहीं। तो फिर? स्पष्ट बात है। नेपाल। भगवान कल्कि नेपाल में ही पैदा हुवे, भगवान बुद्ध की तरह। भविष्यवाणी है भगवान कल्कि के मां का नाम सुमति। सुमति का शाब्दिक अर्थ निकलता है शान्ति। भगवान कल्कि के माँ का नाम शान्ति ही है। वे मुझे बहुत अच्छी तरह पहचानती हैं।
अस्वस्थामा को तो शुरू से ही कहा गया है अस्वस्थामा। लेकिन फिल्म के अंतोअंत तक खुद अस्वस्थामा को पता नहीं चलता की प्रभास कर्ण हैं। तो भगवान कल्कि के काम में सहयोग करने महाभारत और बाइबल के ढेर सारे करैक्टर आए हुवे हैं और दुनिया में जगह जगह हैं। सही वक्त पर वो सब एक एक कर के प्रोजेक्ट से जुड़ते चले जाएंगे। उनमें से कैयो से मैं मिल चुका हुँ। जैसे कि एक हैं संजय जिन्होंने धृतराष्ट को कुरुक्षेत्र के युद्ध के बारे में सारी बाते बताइ। वे वापस आ गए हैं और दिल्ली में रहते हैं।
Monday, April 08, 2024
He Is Here
That who you long for
Is here
That who you pray for
Is here
The path forward is not war
Because He is here
And yet the scriptures talk of war
The birth pangs of a new age
Seems to go through war
That is what happened
The last two times
One age ended
And another began
There was war
Despite all divine attempts
To avert war
There was war
Despite the pleadings
And concessions
And persuasions
There was war
For such is the dance of
Free will
You have to choose
You have to decide
You have to own
Your decisions
The path to peace is here
The path to a new age is a book
Out in the open
Open to debates and discussions
Votes and resolutions
And peaceful political action
And yet the world marches towards war
Is here
That who you pray for
Is here
The path forward is not war
Because He is here
And yet the scriptures talk of war
The birth pangs of a new age
Seems to go through war
That is what happened
The last two times
One age ended
And another began
There was war
Despite all divine attempts
To avert war
There was war
Despite the pleadings
And concessions
And persuasions
There was war
For such is the dance of
Free will
You have to choose
You have to decide
You have to own
Your decisions
The path to peace is here
The path to a new age is a book
Out in the open
Open to debates and discussions
Votes and resolutions
And peaceful political action
And yet the world marches towards war
Thursday, August 10, 2023
The Kalkiist Economic System
The Kalkiist Manifesto talks about a new economic system where everybody, no matter what the job, including women working at home doing household work, will make the same hourly wage that will be measured in time. So if you treat patients for eight hours, you just earned eight hours. If you took care of a child for eight hours, you just earned eight hours. You worked as prime minister or president for eight hours, you earned eight hours. When you go shopping you will similarly spend in hours, minutes and seconds. That medicine your doctor prescribed might cost you two minutes and thirty seconds. Your smartphone might cost you two hours.
The concept of Gross Domestic Product (GDP) in vogue today goes out the window. Instead we start talking about a Gross Domestic Requirement (GDR). If you think about it today almost all migration is economic. In the new Kalkiist economy, that need will evaporate. You would have the same living standard in a small village as in a big city. You would have the same living standard in the United States, as in Mexico.
The Kalkiist economy will be an Age Of Abundance in every part of the world.
What is the broader context? Look at the major religions. Islam is 1,400 years old. Christianity is 2,000 years old. Sikhism is 500 years old. Budhism in 2,500 years old. Judaism is 4,000 years old. If you ask a Hindu, all these dates fall within the current age called the Kali Yuga which has gone on for over 5,000 years now. The Bible also talks of "this age," "and the age to come," although they have not been given names.
The four ages come and go like the four seasons. Each lasts thousands of years.
Kali Purush, known as Satan by the Christians, Msulims and Jews, approached King Parikshit 5,000 years ago and asked for some more space where to live and was granted money and gold. And the Kali Yuga started. That is why ending the Kali Yuga is about creating a moneyless society.
King Parikshit was the son of Abhimanyu who died on the battlefield of the Mahabharata. Abhimanyu was the son of the valiant warrior Arjuna and nephew to Lord Krishna.
No character in either the Ramayana or the Mahabharata has been called a Hindu. Hindu is very much a term that came to use during this Kali Yuga. Instead the ancient scriptures talk of the Sanatana Dharma. It basically means the eternal religion. Because God is eternal, humanity's relationship with God has always been, always will be. No argument there.
Writing was invented after the onset of the Kali Yuga because people realized they were getting dumber and dumber. Otherwise in the previous ages people could simply store an entire epic in their heads and would pass them on from generation to generation orally.
So when the new age begins in about 20 years, the best of all four ages, humanity will find it is now more capable of spiritual knowledge, and God will say something new. When God Himself is ruling on earth directly ("Thy kingdom come, thy will be done, on earth as in heaven.") the debate about this or that religion goes out the window. It was never about religion, it was always about God. Yes, every religion that originated in the Kali Yuga will go join the mainstream of the Sanatana Dharma, the eternal religion. But it has to be noted that the Hindus of India suffer from the same affliction. The Kali Yuga has also made them less capable of knowing.
The imminent Satya Yuga will not be a repetition of the last Satya Yuga, the Age Of Truth. For one, the global population is much, much larger.
Lord Kalki is the Messiah the Jews have been waiting for. Lord Kalki is who the prayer Thy Kingdom Come has been addressed to for 2,000 years now in churches around the world. Prophet Muhammad himself is back but is unaware of his true identity. He is the long-awaited Imam Mehandi. Lord God will let him know his true identity at the right time. And Imam Mehadi will accept Lord Kalki's leadership, for He is Allah, or God.
But of course God can come to earth in human form. There are simply no limits to what God can do. You don't see Google's data center. You only see that tiny search box. God in human incarnation is like a shadow of the divine God who is omnipotent, omnipresent, omniscient. That divine God is still very much there as Arjuna saw and got scared upon seeing and begged Lord Krishna to come back into human form.
Like the Koshi, Gandaki, and Sharada all go mix into the River Ganga, all the religions that were born in this Kali Yuga will go become one with the Santana Dharma. But that can only happen when the Kali Yuga has been ended. Right now Hindus and Muslims riot on simple issues like whether or not it is right and okay to worship God in statues of stone, so shallow are the understandings.
And that is why The Kalkiist Manifesto makes no mention of religion or God. It only talks of an alternative, highly attractive economic system that will replace the current one. I think the idea that everyone will have the same hourly wage is going to be highly attractive to masses around the world, regardless of religious background.
The idea is out as a book. Anybody can debate and discuss it. Nepal has been chosen as the pilot project country. All world will get to see the Kalkiist economy in action in Nepal. That should generate more debate and discussion. And then India and China will be next. Ultimately it will go to every country on earth. It is possible the United States might choose to adopt it last. You can see in the roadmap for adoption that free will is being respected to the utmost. People will choose the new economic system as acts of free will.
Many characters from the Bible and the Mahabharata are back and are human beings in different parts of the world. At the right time they will join efforts with the project.
This below is Lord God the Holy Father in human incarnation. He was Buddha 2,500 years ago, Krishna 5,000 years ago, Rama 7,000 years ago. His brother Laxman from 7,000 years ago who was Balaram 5,000 years ago also is back. Sita of 7,000 years ago and Radha of 5,000 years ago is also back.
I myself am Jesus come back as promised. My role is that of Hanuman 7,000 years ago. I am here to assist Lord Kalki every way I can. I am here to stand shoulder to shoulder with humanity and worship Lord God. Holy Father Vishnu, Holy Son Bramha, Holy Spirit Shiva. And indeed God is One, for the three exist in perfect harmony.
The prayer Thy Kingdom Come was taught by me 2,000 years ago. It is obviously not addressed to me but to Lord God the Holy Father. Lord Rama was King of Ayodhya 7,000 years ago. Lord Kalki will be king of all earth in about 20 years.
He is King. I am Commander.
The new age will last thousands of years.
Monday, August 07, 2023
Sunday, August 06, 2023
Acharya Salil
मैं जय जी के दोकान मैं बैठा था। तो वो एक वीडियो सुनने लगे। तो जो बोल रहे थे वो कहने लगे एक हैं कल्कि अमेरिका में रहते हैं नेपाल से हैं। तो मैंने थोड़ा गौर किया। अरे ये तो आप के बारे में बात कर रहे हैं। कौन हैं ये? तो बात आगे बढ़ी। एक हैं आचार्य सलील। उनसे दो मिनट बात भी हुइ। तो वो कहने लगे मैं महाभारत के समय का संजय। मैंने ही धृतराष्ट्र को सारी कहानी सुनाइ। मैंने भी अपना परिचय दिया। बाइबल के सबसे प्रख्यात पुस्तक गॉस्पेल ऑफ़ जॉन के प्रथम दफा में ही कहा गया है जीसस सृष्टिकर्ता। तो आप के समझ में सृष्टिकर्ता कौन? ब्रम्हा। अर्थात जिस कदर विष्णु के मानव अवतार राम, और कृष्ण, उसी तरह ब्रम्हा के मानव अवतार जीसस। लोग इंतजार कर रहे हैं कि फिर आएंगे। वो मैं आ गया। और मेरा रोल है हनुमान जी का। मेरा काम है भगवान कल्कि को उनके काम में पुरा सहयोग करना। लेकिन न वो न हम परिचय की बात कर रहे हैं। पुरा फोकस काम पर है। काम शुरू हो चुका है। काम है कलि युग की समाप्ति और सत्य युग का शुरुवात। तो काम कर रहे हैं। लेकिन छिपे नहीं हैं। कोइ जिज्ञासा प्रकट करें तो उनको परिचय भी दिया जा रहा है जैसे कि आप को। तो परिचय स्थापित होती है भविष्यवाणी पुरा होने से। मेरा भी। उनका भी।
ढेर सारे लोग हैं सब कह रहे हैं मैं हुँ कल्कि, मैं हुँ जीसस। शायद सयकडों। तो वो सबके सब पाप कर रहे हैं। महापाप। घोर कलियुग चल रहा है। जो कह रहे हैं मैं हुँ कल्कि मैं हुँ येशु उनसे पुछिए, आप ने कौन कौन भविष्यवाणी पुरी की, आगे कौन कौन भविष्यवाणी पुरा करने जा रहे हैं? आप क्या काम करने आए हैं? वो काम कैसे करेंगे? दुध का दुध पानी का पानी हो जाएगा।
भगवान बुद्ध एक टाइटल था। नाम तो सिद्धार्थ गौतम था। उसी तरह भगवान कल्कि टाइटल है। नाम है उनका जय साह। भगवान बुद्ध लुम्बिनी में पैदा हुवे। भगवान कल्कि मटिहानी में पैदा हुवे। जनकपुर के पास है। जानने वाले जानते हैं। कहा गया है भगवान कल्कि पवित्र मिट्टी पर पैदा होंगे। भविष्यवाणी है। मटिहानी का मिटटी इतना पवित्र माना जाता है कि सीता जी के स्वयंवर के लिए वहाँ से मिट्टी ले जाया गया था। कहा गया है दुध के नदी के किनार पैदा होंगे। मटिहानी दुधमती नदी के किनार पर है।
शम्भल के बारे में ढेर सारा कन्फ्युजन है। एक शंकराचार्य का एक वीडियो है। उसमें वो कह रहे हैं जिस शम्भल शहर में भगवान कल्कि पैदा होंगे वो ओरिसा नहीं उत्तर प्रदेश में है। मैं उनके बात का बुरा नहीं मानता। कमसेकम वो उस भविष्यवाणी को समझने का प्रयास तो कर रहे हैं। लेकिन शम्भल शहर नहीं देश कहा गया है। भविष्यवाणी ५,००० साल पुराना है लेकिन भारत में शम्भल नाम के जितने शहर हैं उनमें अधिकांश का नामाकरण पिछले पाँच हजार साल के भितर हुवा है। कि शहर का नाम शम्भल रख दो भगवान विष्णु को मजबुर हो के यही पैदा होना पड़ जाएगा। वैसा भी होता है कहीं?
तो शम्भल शहर नहीं देश है। शम्भु का देश, पशुपतिनाथ का देश। अर्थात नेपाल। राम पैदा हुवे अयोध्या। कृष्ण मथुरा। बुद्ध लुम्बिनी। कल्कि मटिहानी। चारो नाम काव्यात्मक हैं।
आचार्य सलील ने कहा जय जी को, "आप के आवाज में एक अग्रेशन है। थोड़ा नरम बोलिए।"
भीष्म पितामह मृत्यु शैया पर लेटे हुवे थे। भगवान कृष्ण उनसे मिलने गए। पितामह ने कहा, "आप तो ईश्वर हैं न?" कृष्ण जी ने कहा, "मैं तो आप का पौत्र हुँ।"
"तो ये गलत उदाहरण नहीं हुवा?" पितामह ने कहा। यानि कि कभी आप छल भी करते देखे जाते हैं। क्या ईश्वर का वैसा करना शोभा देता है?
भगवान कृष्ण ने कहा, "ये तो आप ने कुछ भी नहीं देखा। कलि युग में तो और क्या क्या करने होंगे।"
कुछ लोग सोंचते हैं महापापी के सामने शायद ईश्वर इम्मोबिलाइज़ हो जाते हों। वो बात सही नहीं हैं। जिस ईश्वर को मानव अवतार में एक करोड़ रावण का सामना करना हो उनके आवाज में अग्रेशन नहीं होगा तो क्या होगा?
कल्कि वो जो कलियुग को समाप्त कर दें। तो अभी रोडमैप सामने आया है। एक पुस्तक है। कोइ ये प्रमाणित कर दें कि उस पुस्तक में जो रोडमैप दिखाया गया है उस रास्ते कलि युग ख़त्म नहीं होगा तो उस व्यक्ति को २०,००० डॉलर पुरस्कार। लेकिन प्रश्न कार्यक्रम में आ के करनी होगी। अमेरिका में जगह जगह कार्यक्रम होने जा रहा है। उसी के लिए हम न्यु यॉर्क छोड़ फ़िलेडैल्फ़िया आ गए हैं।
ईश्वर तो सारे ब्रम्हाण्ड के ईश्वर। स्वाभाविक है सारे पृथ्वी के ईश्वर एक। राम राज्य सिर्फ अयोध्या में था। कल्कि राज्य सारे पृथ्वी पर होगा। किसी से छुपी बात नहीं रहेगी। इस शुभ काम का आरम्भ नेपाल से होगा। नेपाल में जो अगली चुनाव होगी वो सत्य युग समाज पार्टी स्वीप करेगी।
दुनिया भर के चर्च में दो हजार साल से प्रार्थना करते आ रहे हैं कि हे ईश्वर धरती पर तेरा प्रत्यक्ष शासन चाहिए। तो वो भगवान कल्कि का इंतजार है। यहुदी को जिस मसीहा का इंतजार है वो भगवान कल्कि ही हैं।
महाभारत में रामायण में किसी को हिन्दु कहा गया है क्या? तो ईश्वर कुछ नया कहने जा रहे हैं। उसके लिए पहले इस कलि युग को समाप्त करना होगा। अभी तो लोगों की क्षमता ही कम है। कलि युग में वैसा होता है। क्षमता में ह्रास आ जाती है।
ईश्वर को मानव अवतार में पहचानना आसान काम नहीं है।
Friday, February 17, 2023
The Immediate Work At Hand
Listen to "The Immediate Work At Hand " by paramendra: Son of God: Jesus come back as promised . ⚓ https://t.co/sJpPbPbinJ #god #jesus #krishna #kalki #shiva
— Paramendra Kumar Bhagat (@paramendra) February 17, 2023
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